अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद रिवर फ्रंट पर बनी अध्यात्म नगरी में 35 जैन दीक्षा के ऐतिहासिक उत्सव के लिए 400 से अधिक साधु-साध्वियों ने गुरुवार को प्रवेश किया।
संजयभाई वोरा ने बताया कि आचार्य भगवंतों, साधु भगवंतों और साध्वीजी भगवंतों के अलावा 35 मुमुक्षुओं और उनके परिवारों ने अमदावाद शहर के सदियों पुराने इतिहास में पहली बार आयोजित 35 दीक्षा के महोत्सव के लिए आज भव्य सामैया के साथ नदी तट पर बने भव्य आध्यात्मिक नगर में प्रवेश किया। उनकी शोभायात्रा सुविधा चार रास्ते से शुरू हुई और प्रीतम नगर अखाड़े से होते हुए साबरमती रिवर फ्रंट तक पहुंची उसी समय 12 गजराजों पर बैठे मुमुक्षुओं ने भी अध्यात्म नगरी में प्रवेश किया।
रिवर फ्रंट पर भव्य आध्यात्मिक शहर तैयार करने के लिए 1,000 से अधिक कारीगर और मजदूर दिन-रात काम कर रहे थे। अध्यात्म नगरी में लगभग 10,000 वर्ग फुट के भव्य महल जैसे जिनमंदिर में 23वें तीर्थंकर श्री सहस्रफना पार्श्वनाथ भगवान की एक नयनरम्य मूर्ति बिराजमान की गयी है। अध्यात्म नगरी में लगभग 90,000 वर्ग फुट क्षेत्र में एक भव्य सभा भवन का निर्माण किया गया है, जिसमें लगभग 25,000 भक्त बैठकर दीक्षा समारोह का आनंद ले सकते हैं।
अध्यात्म नगरी में लगभग 3,00,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में एक डाइनिंग हॉल डिजाइन किया गया है, जिसमें 3,200 लोग एक पंक्ति में बैठ सकते हैं।अध्यात्म नगरी में पहली बार नारकी को जीवंत रूप से बनाई गई है, जहां पर माधामी देवता नरक के प्राणियों पर किस प्रकार अत्याचार करते हैं, इसके सजीव दृश्य दिखाए गए हैं।
अध्यात्म नगरी में एक भव्य थिएटर का निर्माण किया गया है जिसमें जैन शासन की वीर गाथाओं को लघु नाटकों के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। अध्यात्म नगरी में एक पुस्तक मेला खोला गया है जहां जैन धर्म के दर्शन पर लिखित पुस्तकें निःशुल्क वितरित की जाएंगी।