जयपुर। राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच पूर्वी राजस्थान नहर परियाेजना (ईआरसीपी) के तहत जल बंटवारे को लेकर पिछले कई सालों से चला आ रहा विवाद अब समाप्त होने के कगार पर पहुंच गया हैं और इन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने रविवार को इस मुद्दे पर चर्चा के बाद अब शीघ्र ही इस परियोजना के पूरा होने का आश्वास दिया है।
इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डा मोहन यादव दोपहर में जयपुर पहुंचे और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से इस मुद्दे पर चर्चा की। चर्चा के बाद शर्मा ने डा यादव के साथ प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि ईआरसीपी दोनों राज्यों के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है और अब शीघ्र ही इस मुद्दे का समाधान होकर यह परियोजना पूरी होगी।
उन्होंने कहा कि हमने संकल्प पत्र में प्रदेशवासियों से ईआरसीपी सहित जाे वादे किए हैं, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी के मार्गदर्शन में मिलकर परिणीति तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना नदी से नदी को जोड़ने के तहत यह परियोजना बनी लेकिन बाद में कांग्रेस की सरकार आ गई जिससे इस पर काम नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में राजस्थान में भाजपा की सरकार आने पर इस परियोजना की डीपीआर बनाने का काम किया गया लेकिन उस समय मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के कारण इस पर काम नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि काम के लिए इच्छा शक्ति होना चाहिए लेकिन कांग्रेस के समय राजनीति के अलावा कुछ नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि ईआरसीपी से राजस्थान के 13 जिलों में 2.80 लाख हैक्टेयर सिंचाई क्षेत्र के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हाेगा। खेत-खलिहानाें के साथ औद्याेगिक और वन क्षेत्रों काे बढ़ावा मिलेगा वहीं वर्षाें से चल रही पेयजल की समस्या का समाधान भी होगा।
उन्होंने कहा कि ईआरसीपी से राजस्थान के झालावाड़, बारां, काेटा, बूंदी, सवाईमाधाेपुर, करौली, धाैलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक जिलों को पानी की समस्या से राहत मिलेगी। यह परियाेजना पूर्वी राजस्थान के लोगाें के लिए वरदान साबित हाेगी। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नदी से नदी जाेड़ने का सपना भी साकार हाेगा।
इस मौके डॉ. यादव ने कहा कि यह परियोजना मध्यप्रदेश के शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, इंदौर, देवास सहित कई जिलों में पेयजल के साथ औद्याेगिक जरूरताें काे पूरा करेगी। इसके तहत सात बांध बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से दाेनाें ही राज्यों में औद्याेगिक निवेश, पर्यटन और शैक्षणिक संस्थाओं काे बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सिंचाई क्षेत्र और अधिक समृद्ध हाेगा।
उन्होंने ईआरसीपी को बड़ा मुद्दा बताते हुए कहा कि वाजपेयी के समय नदी से नदी जोड़ों अभियान के तहत राजस्थान और मध्यप्रदेश के आस पास चम्बल सहित जो नदियां हैं उसका लाभ जनता को पहुंचाने के लिए यह योजना बनी लेकिन बाद में वाजपेयी सरकार चली गई और कांग्रेस सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में तो पहले से भाजपा की सरकार थी लेकिन अब राजस्थान में भी भाजपा की सरकार बनी और अब इस बड़े मुद्दे का समाधान निकलने जा रहा है और उन्हें आशा है कि जल्द ही यह योजना पूरी होगी। इससे पहले डा यादव के मुख्यमंत्री निवास पहुंचने पर शर्मा ने पुष्प गुच्छ भेंटकर उनका स्वागत किया।