डीओआईटी करेगा विस्तृत जांच, दर्ज कराएगा एफआईआर
जलदाय परिसर में उपभोक्ताओं की बिल राशि हड़पने का मामला
सन्तोष खाचरियावास
अजमेर। उपभोक्ताओं से बिजली-पानी की बिल राशि लेकर बदले में फर्जी रसीदें देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह मामला तब उजागर हुआ जब ई-मित्र संचालक ने पत्रकार की ही बिल राशि हड़प ली।
मामले को गम्भीरता से लेते हुए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त निदेशक महेन्द्र सिंह शक्तावत ने आरोपी ई-मित्र संचालक की आईडी सस्पेंड करने एवं उस पर पेनल्टी लगाने के निर्देश दिए हैं। ई-मित्र संचालक के विगत महीनों का ट्रांजेक्शन चैक करने के आदेश भी दिए गए हैं। इसमें गड़बड़ी पाए जाने पर विभाग सम्बंधित ई-मित्र संचालक के खिलाफ पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराएगा।
यह है मामला
पत्रकार सन्तोष खाचरियावास ने सरकार शिकायत भेजी कि केसरगंज गोल चक्कर के भीतर जलदाय विभाग परिसर में संचालित ई मित्र फर्म सन्नी कम्प्यूटर एंड ई मित्र द्वारा बड़े स्तर पर आमजन से आर्थिक धोखाधड़ी अंजाम दी जा रही है। लोग यहां पानी-बिजली का बिल जमा कराते हैं जिन्हें संचालक द्वारा फर्जी रसीद दे दी जाती है। यह बिल राशि ई मित्र संचालक जलदाय विभाग में जमा नहीं कराकर गबन कर ली जाती है। बाद में अगली बार जब उपभोक्ता के बिल में बकाया राशि जुड़कर आती है, तब उपभोक्ताओं को इस धोखाधड़ी का पता चलता है।
रोजाना कई बुजुर्ग एवं गरीब उपभोक्ता उसके यहां शिकायत करने आते हैं। कुछ मामलों में उपभोक्ता को राशि लौटा दी जाती है तो कुछ को डरा धमकाकर भगा दिया जाता है।
इसी तरह की एक शिकायत पत्रकार सन्तोष खाचरियावास ने सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज कराई कि उन्होंने 21 मार्च को इस ई मित्र पर पत्रकार कॉलोनी स्थित अपने आवास के पानी की बिल राशि 99 रुपए जमा कराई जिसकी एवज में फर्जी रसीद दी गई। लेकिन अगले बिल में यह राशि पेनल्टी सहित पुनः जुड़कर आ गई। इस पर उन्होंने फॉयसागर फिल्टर प्लांट पर पता किया तो वहां कार्यरत कर्मचारियों का कहना रहा कि यह ‘फेक रिसिप्ट’ है।
इस पर बुधवार को ई-मित्र कियोस्क संचालक को डीआईओटी में तलब किया। कियोस्क संचालक मंजू कलन्त्री की जगह ऑपरेटर सन्नी सोनी पेश हुआ। उसने अपना गुनाह कबूल करते हुए लिखित में माफी मांगी। विभाग ने प्रारंभिक पड़ताल में इसे आर्थिक गबन मानते कड़ा कदम उठाया है।
ट्रांजेक्शन की जांच होगी
यह ऑपरेटर साल 2012 से कार्यरत है और विगत 5 साल से उसके खिलाफ शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे में उसके विगत महीनों के ट्रांजेक्शन की पड़ताल की जाएगी। उसके यहां से कितनी राशि की रसीदें जनरेट हुईं और उनमें से कितनी राशि जलदाय विभाग या टाटा पावर के अकाउंट में जमा कराई गई है, इसका मिलान किया जाएगा। अन्य प्रकरण सामने आने पर डीआईओटी द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
आईडी यहां की, रसीद वहां की…
पत्रकार खाचरियावास ने इस ई-मित्र संचालक की एक और करतूत उजागर की है। केसरगंज और फॉयसागर रोड फिल्टर प्लांट स्थित उसके ई-मित्र कियोस्क पर एक ही आईडी यूज कर नियमों से खिलवाड़ किया जा रहा है। विभाग एक ही आईडी का अलग अलग-जगह संचालित ई-मित्र कियोस्क पर इस्तेमाल करने की भी जांच कर रहा है।
जलदाय विभाग खाली कराएगा कियोस्क
इस शातिर ई-मित्र संचालक ने जलदाय विभाग के अफसरों से मिलीभगत कर केसरगंज गोल चक्कर और फॉयसागर फिल्टर प्लांट स्थित उसके परिसर में ही किराए पर कमरे ले रखे हैं जिनमें ई-मित्र कियोस्क संचालित किए जा रहे हैं। कभी इधर की आईडी से उधर की रसीदें काट दी जाती हैं तो कभी उधर की आईडी से इधर की। यहां बिल जमा कराने वाले उपभोक्ता इस गलत फहमी में होते हैं कि यह जलदाय विभाग का काउंटर होगा। वे विश्वास करके बिल जमा करा देते हैं।
बाद में बिल जमा नहीं होने एवं अगले बिल में बकाया राशि जुड़कर आने पर वे जलदाय दफ्तर में जाकर शिकायत करते हैं तो विभाग के कर्मचारी उन्हें यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि उनका इस ई-मित्र से कोई लेना-देना नहीं है। रोजाना चार-पांच उपभोक्ता इस तरह की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। अब प्रकरण उजागर होने के बाद जलदाय विभाग की एईएन बीना बिड़ला ने स्पष्ट किया कि इस ई-मित्र संचालक मंजू कलन्त्री की वजह से विभाग की छवि धूमिल हो रही है। उससे परिसर खाली कराया जाएगा।
इनका कहना है
उपभोक्ता से राशि लेकर फेक रिसिप्ट देना संगीन मामला है। इस ई-मित्र संचालक की दूसरी बार लिखित शिकायत आई है। प्रारम्भिक जांच के आधार पर उसकी आईडी सस्पेंड कर पेनल्टी लगाने के आदेश दिए हैं। उसके ट्रांजेक्शन की जांच की जाएगी। उपभोक्ताओं से राशि लेकर आगे सम्बंधित विभाग में जमा नहीं कराने के अन्य मामले सामने आने पर ई-मित्र संचालक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
-महेन्द्र सिंह शक्तावत
-संयुक्त निदेशक, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग, अजमेर
खाली कराएंगे कमरे
ई-मित्र संचालक की हरकतों की वजह से जलदाय विभाग की छवि पर असर पड़ रहा है। उपभोक्ता आकर हमसे उलझते हैं। ई-मित्र संचालक से कमरे खाली कराए जाएंगे।
-बीना बिड़ला, एक्सईएन, जलदाय विभाग
181 या सम्पर्क पोर्टल पर करें शिकायत
आमतौर पर सौ-डेढ़ सौ रुपए की राशि को लेकर कोई उपभोक्ता माथापच्ची नहीं करना चाहता है। जबकि ई-मित्र संचालक इसी छोटी-छोटी राशि का गबन कर रोजाना हजार रुपए और साल में लाखों रुपए का गबन कर रहा है। पीड़ित उपभोक्ता जागरूकता के अभाव में केवल मौखिक शिकायत कर और अपनी बिल राशि वापस लेकर लौट जाते हैं। जबकि 181 नम्बर पर या सम्पर्क पोर्टल पर शिकायत कर ऐसे बेईमानों का पक्का इलाज किया जा सकता है। सम्बंधित पीड़ित किसी भी प्रकार की मदद के लिए पत्रकार सन्तोष खाचरियावास से उनके मोबाइल नंबर 9461594230 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं।
इससे पहले…आधार ऑपरेटर ब्लैक लिस्टेड, स्टेशन आईडी भी रद्द करा चुके
केसरगंज में ही इंडियन ओवरसीज बैंक परिसर में संचालित आधार पंजीकरण केंद्र पर ऑपरेटर सुरेश गुर्जर ने आमजन से लूट मचा रखी थी। वह पत्रकार खाचरियावास से भी 200 रुपए की अवैध वसूली कर चुका था। पत्रकार खाचरियावास ने पुख्ता सबूत जुटाकर यूआईडीएआई से शिकायत की। लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार यूआईडीएआई ने आधार ऑपरेटर सुरेश गुर्जर को ब्लैकलिस्ट करते हुए ओवरसीज बैंक की स्टेशन आईडी रद्द कर दी। साथ ही आधार का काम देख रही फर्म पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। हालांकि पीड़ित पत्रकार खाचरियावास को उनकी राशि 200 रुपए अब तक नहीं लौटाई गई है। इसके लिए वे लगातार इंडियन ओवरसीज बैंक प्रबंधन से मांग कर रहे हैं।