चंडीगढ़। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 131 दिन चले अपने अनशन को रविवार को समाप्त कर दिया।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) नेता डल्लेवाल ने फतेहगढ़ साहिब में आयोजित किसान पंचायत में किसानों के अनुरोध पर अपना अनशन समाप्त करते समय आरोप लगाया कि केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनसे वादा किया था कि उनकी मांगों का हल निकाला जाएगा और अनुरोध किया था कि अनशन समाप्त करें। पर उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया और किसानों का भरोसा तोड़ दिया।
डल्लेवाल ने कहा कि सरकार ने एक तरफ तो उन्हें वार्ता के लिए बुलाया, दूसरी तरफ किसान नेताओं को हिरासत में लेकर आंदोलन स्थलों को खाली कराकर आंदोलन को कुचलने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि लेकिन आंदोलन जारी रहेगा और चार मई की बैठक में किसानों की मांगें नहीं मानी गईं तो और बड़े पैमाने पर आंदोलन होगा।
गौरतलब है कि लगभग 28 किसान संगठनों/यूनियनों ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के कानून व अन्य मांगों को लेकर फरवरी 2024 में नई दिल्ली कूच का आह्वान किया था लेकिन हरियाणा सरकार के दिल्ली के रास्ते में पंजाब से लगती सीमाओं खनौरी व शंभू को सील किए जाने के कारण किसान दोनों सीमाओं पर धरने पर बैठ गए थे।
इस बीच डल्लेवाल ने 26 नवंबर से आमरण अनशन शुरू कर दिया जिसके बाद जनवरी में केंद्र सरकार ने किसान नेताओं को वार्ता बहाली के लिए बुलाया। किसान नेताओं और केन्द्रीय मंत्रियों के बीच पिछले साल भी वार्ता के तीन दौर चले थे। इस साल चौथी बैठक 19 मार्च को हुई, जिसके समाप्त होने और चंडीगढ़ से निकलते ही पंजाब पुलिस ने डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा नेता सरवन सिंह पंधेर समेत तमाम शीर्ष किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया और उसी रात खनौरी और शंभू सीमाओं पर आंदोलन स्थल खाली करवा दिया। पुलिस ने करीब 1500 किसानों को हिरासत में लिया जिन्हें 29 मार्च को छोड़ा गया। डल्लेवाल के अनशन की गूंज हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीमकोर्ट में भी सुनी गई।