चंडीगढ़। फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के कानून व अन्य मांगों को लेकर दर्जन भर किसान संगठनों के दिल्ली कूच को शुक्रवार को हरियाणा पुलिस ने शंभू सीमा पर रोक लिया और आंसू गैस के गोले दागे।
करीब सौ किसानों का जत्था दोपहर में पंजाब-हरियाणा शंभू सीमा से निकलने का प्रयास करने लगा। हरियाणा की अंबाला पुलिस पहले से वहां तैनात थी और बैरीकेड लगा रखे थे। किसान झंडे लिए हुए थे और नारेबाजी कर रहे थे। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
इससे पूर्व हरियाणा के कैबिनेट मंत्री और अंबाला छावनी के विधायक अनिल विज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि किसानों ने दिल्ली (पुलिस) से अनुमति नहीं ली है और ऐसे में उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया जा सकता। किसान आंदोलन के मद्देनजर अंबाला जिले के दस गाँवों में शुक्रवार से सोमवार तक इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित की गई हैं।
दो दिन पूर्व अंबाला उपायुक्त ने जिले में 163 (धार 144) लगा दी थी, जिसके तहत पाँच या उससे अधिक लोग इकठ्ठा नहीं हो सकते और जिला प्रशासन ने दिल्ली पुलिस से अनुमति लेने को भी किसानों से कहा था। इसकी विपक्षी कॉंग्रेसी नेताओं भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा ने अलोकतांत्रिक कदम बताते हुए आलोचना की थी।
कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष बजरंग पुनिया ने शुक्रवार को किसानों पर आंसू गैस दागे जाने का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि जब किसान ट्रैक्टर-ट्राली पर आ रहे थे तो शोर मचाया गया था कि ट्रैक्टर-ट्रॉली क्यों लेकर आ रहे हैं? अब किसान पैदल आ रहे हैं तब भी उन्हें रोका जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को दिक्कत ट्रैक्टर ट्रॉली से थी ही नहीं, बल्कि किसानों से ही थी। सरकार किसानों का हक नहीं देना चाहती और दावा किया कि लेकिन किसान अपना हक लेना जानते हैं।