चंडीगढ़। हरियाणा-पंजाब सीमाओं पर तनाव और केन्द्र के पांचवें दौर की वार्ता की तैयारी दिखाने के प्रस्ताव के बीच किसान नेताओं ने बुधवार को आंदोलन दो दिनों के लिए निलंबित करने की घोषणा की। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मीडिया से कहा कि शुक्रवार की शाम इस पर आगे फैसला लिया जाएगा।
13 फरवरी से दिल्ली कूच आंदोलन के आह्वान के बाद किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर और हरियाणा की पंजाब से लगी सीमाओं पर सड़कें अवरुद्ध करने के अलावा बड़े पैमाने पर पुलिस व अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। हरियाणा पुलिस व अर्धसैनिक बलों की तरफ से आंसू गैस, रबड़ की गोलियों समेत बल प्रयोग करने के कारण 150 से ज्यादा किसान घायल हो चुके हैं, जिनमें से कुछ गंभीर घायल हुए हैं और कुछ ने आंख की रोशनी गंवाई है।
उधर, केंद्र सरकार की तरफ से केन्द्रीय मंत्रियों की किसान नेताओं से चार बैठकें हो चुकी हैं पर वार्ता किसी सिरे नहीं पहुंची है। पिछली बैठक में केंद्र ने दालें, मक्का और कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का प्रस्ताव दिया था जिसे किसानों ने ठुकरा दिया। किसानों की मुख्य मांगें सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून लाने, पिछले किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लेने, लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को इंसाफ देने की मांग शामिल हैं।