कोटा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर ही उनकी लोकसभा की सदस्यता को रद्द करवाया है।
गहलोत ने आज यहां महाराव उम्मेद सिंह स्टेडियम में कांग्रेस के संभाग स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही हैं। खासतौर से केरल से कश्मीर तक निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा ने राहुल गांधी की लोकप्रियता को शिखर पर पहुंचाएं जिससे घबराकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके लोकसभा की सदस्यता रद्द करवाया ताकि वह अपनी आवाज जनता तक नहीं पहुंचा सके और केंद्र सरकार के कारनामों को उजागर नहीं कर सके जिनमें उनके नजदीकी उद्योगपति गौतम अडानी के कारनामें भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में हिंसा, तनाव और असहिष्णुता का माहौल है। केंद्र में आसीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार सब कुछ बर्बाद कर देना चाहती है जिसमें देश की शांति और यहां का सौहार्द भी शामिल है। जनता देख ली है और समय पर वह इसका जवाब भी देगी।
गहलोत ने कोटा के विकास के लिए राजस्थान के नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की जमकर तारीफ की। खासतौर से उन्होंने चंबल नदी के तट पर बनाए गए विश्व के विश्व स्तरीय चंबल रिवर फ्रंट की जमकर तारीफ की और कहा कि विकास का एक ऐसा मॉडल है जिसे अनुकरणीय माना जाना चाहिए। चंबल रिवर फ्रंट आने वाले समय में पर्यटकों के आकर्षण का बड़ा केंद्र बनेगा।
नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी देश की जनता के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं और इस लड़ाई को वह जीत कर दिखाएंगे। लोकसभा से उनकी सदस्यता को समाप्त करने की केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार की साजिश कभी कामयाब नहीं होने वाली है। वह इस केंद्र सरकार के भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे और जनता भी इन सब चीजों को। गंभीरता से ले रही।
धारीवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने पिछले कुछ सालों में राहुल गांधी की छवि को खराब करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए, लेकिन यह बर्बादी थी क्योंकि राहुल गांधी आज भी मजबूती से खड़े हैं और उनकी छवि तो लगातार निखर रही है एवं पहले से ज्यादा बेहतर है।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और उनके समर्थक यह नहीं चाहते थे कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निकट सहयोगी गौतम अडानी के काले चिट्ठे को लोकसभा के जरिए देश की जनता तक रखें। केंद्र सरकार नहीं चाहती थी कि इस मसले पर राहुल गांधी को उनके भ्रष्टाचार को उजागर करने का मौका मिले इसलिए अन्य जरिया अपनाकर उन्होंने राहुल गांधी के लोकसभा की सदस्यता को रद्द करवाया लेकिन केंद्र सरकार के मंसूबे कामयाब होने वाले नहीं हैं।