अजमेर। राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें सालाना उर्स का झंडा नये साल की आठ जनवरी को चढ़ेगा। झंडे की रस्म को निभाने परम्परानुसार भीलवाड़ा का लाल मोहम्मद गौरी परिवार के सदस्य, उनके पोते फखरुद्दीन 6 जनवरी को अजमेर आएंगे।
भीलवाड़ा का गौरी परिवार दरगाह कमेटी के गेस्ट हाउस में रुकेगा और आठ जनवरी को सालाना उर्स के आगाज के लिए 85 फीट ऊंचे बुलंद दरवाजे पर असर की नमाज के बाद एवं रोशनी से पहले झंडे की धार्मिक रस्म को पूरा कर गरीबनवाज के उर्स का आगाज करेगा।
रजब माह का चांद दिखाई देने पर 13 जनवरी से उर्स का विधिवत आगाज होगा। दरगाह के जन्नती दरवाजे को छह दिनों के लिए खोला जायेगा। धार्मिक रस्में शुरू हो जाएगी। उर्स के दौरान देश-दुनियां के हजारों ख्वाजा के मुरीद दरगाह में हाजरी देंगे। अनेकों वीवीआईपी लोगों की भी चादर पेश की जाएगी। अजमेर में दरगाह कमेटी ने प्रशासन के साथ कायड़ विश्राम स्थली पर तेज सर्दी के मद्देनजर तैयारियां शुरू कर दी हैं।