दिव्य धेनुमानस गौकथा
अजमेर। धेनुमानस ग्रंथ के रचियता एवं प्रसिद्ध गौमाता कथावाचक गोपाल मणी ने गौमाता की महिमा को अपरंपार बताते हुए कहा कि हमारा सौभाग्य हैं कि हमें भारत में रहते हुए गौमाता की सेवा करने का अवसर मिल रहा है। गौमाता की सेवा करने का हमारे जीवन के लिए अनुपम उपहार हैं। जिस धेनु की व्याख्या स्वयं श्रीकृष्ण भगवान नहीं कर सके तो मेरी क्या बिसात है।
बीके कौल नगर स्थित हनुमान मंदिर में शनिवार को दिव्य धेनुमानस गौकथा में प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि रामायण के प्रथम रचियाता वाल्मीकीजी ने जब ग्रंथ लिखना शुरू किया तो पहला अक्षर उन्होंने मां लिखा। मां शब्द अपने आप में विशाल हैं, जिसका कोई अंत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमदभागवत में गाय माता के पीछे कृष्ण भगवान खड़े रहते हैं, वह भी नंगे पैर। उनकी हिम्मत नहीं हैं कि गाय के आगे निकले। कथावाचक नंदनी सारस्वत ने गुरु को प्रणाम कर कथा वाचन किया। उनके साथ आई राजेश्वरी देवा का भी अभिनंदन कर मंच पर आसन कराया।
शनिवार को छप्पन भोग की झांकी भी सजाई गई। यजमान राजकुमार गर्ग, आनंद अरोरा, मनोज नानकानी, पारस लालवानी, सीताराम गर्ग, पुखराज अग्रवाल को माला व दुपट्टा पहना कर गाय बछड़ा का प्रतिरूप प्रदान किया। पूर्व उप महापौर संपत सांखला, वैश्य समाज के रमेश तापड़िया, सूरज लखोटिया, उमेश गर्ग, सुभाष काबरा, विजयवर्गीय महिला मंडल की प्रदेशाध्यक्ष आभा गांधी, भूपेश सांखला का भी कथावाचक गोपाल मणी ने दुप्पटा पहना कर स्वागत किया। व्यवस्था सहयोगियों में राजेंद्र मित्तल, शैलेंद्र अग्रवाल, अंजना मित्तल, सुषमा अग्रवाल, ज्योत्सना मित्तल, उत्तम पंवार, कोशल्या गर्ग, महेश सांखला, राधिका अग्रवाल, लक्ष्मी गोयल सहित अन्य थे।
प्रभात फेरी में गौ माता का कीर्तन
प्रवक्ता राजेंद्र गांधी ने बताया कि गौमाता कथा आयोजन समिति एवं सन्यास आश्रम की ओर से रविवार सुबह 6 बजे प्रभात फेरी निकाली जाएगी। प्रभात फेरी कथा स्थल से प्रारंभ होकर ज्ञानविहार स्थित श्रीराम मंदिर जाएगी। वहां विश्राम कर विभिन्न मार्गो से होती हुई पुनः कथा स्थल आएगी। आलोक माहेश्वरी ने बताया कि प्रभात फेरी के दौरान भक्त लोग गौ माता का कीर्तन करते हुए चलेंगे।