कोटा। राजस्थान में कोटा से एक कोचिंग छात्रा का अपहरण कर उसे बंधक बनाने और उसकी रिहाई के एवज में 30 लाख रुपए की फिरौती मांगने का मामला झूठा साबित हुआ है।
जिला पुलिस अधीक्षक डा अमृता दुहान ने बताया कि पुलिस की टीम ने इस मामले में कोचिंग छात्रा दिव्या धाकड़ (20) के एक पुराने साथी से पूछताछ की है जिसने यह बताया है कि यह छात्रा उसके एक साथी के साथ पढ़ने के लिए विदेश जाना चाहती है क्योंकि उसे लगता था यहां उसकी पढ़ाई अच्छे से नहीं हो सकती हैं। इसीलिए यह सारा घटनाक्रम रचा और परिवारजनों से पैसों की मांग की गई।
डॉ. दुहान ने बताया कि असल में यह लड़की कोटा में थी ही नहीं। पिछले साल तीन अगस्त को अपनी मां के साथ नीट की कोचिंग में एनुरोलमेंट कराने के लिए कोटा आई थी। उसकी मां तो उसी दिन वापस शिवपुरी लौट गई लेकिन यह लड़की तीन से पांच अगस्त तक कोटा में एक हॉस्टल में ठहरी थी लेकिन उसके बाद इंदौर चली गई थी जहां पूर्व में भी नीट की कोचिंग करती रही हैं। यह लड़की कोटा में थी ही नहीं। उसके पिता भी इसी भ्रम में थे कि वह कोटा में रहकर ही कोचिंग कर रही है।
कोटा में कोचिंग संस्थान की ओर से लिए गए टेस्ट और उसके नंबर के बारे में भी उसके पिता को सेलफोन पर सूचना इन्हीं लोगों ने किसी अन्य नंबर से दे थी। हालांकि डॉ अमृता दुहान ने बुधवार को बताया कि इंदौर में जिन लड़कों के खिलाफ छात्रों को परेशान करने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, उनका मौजूदा घटनाक्रम से कोई वास्ता नहीं है।
गौरतलब है कि कोटा में कथित रूप से नीट की कोचिंग कर रही मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के बैराड़ तहसील के कालामढ़ बारीक गांव निवासी कोचिंग छात्रा दिव्या धाकड़ का एक फोटो 18 मार्च को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था जिसमें वह रस्सी से बंधी पड़ी नजर आ रही है और चेहरे पर खून के निशान है।
फोटो के साथ यह संदेश भी वायरल हुआ कि लड़की का अपहरण कर लिया गया है और उसे छोड़ने की एवज में 30 लाख रुपए देने की मांग की गई है वरना लड़की को मारने की चेतावनी दी गई है। एक बैंक खाता नंबर भी इस सूचना के साथ जारी किया गया था, जिसमें यह रकम जमा कराने की हिदायत दी गई थी।