पणजी। सनातन धर्म शब्दप्रमाण पर आधारित है क्योंकि हमारे ऋषि-मुनियों ने जो वास्तव में अनुभव किया उसे ही शब्द मान लिया है। हमें भी इस शब्दप्रमाण को अनुभव करने का प्रयास करना चाहिए। रामायण-महाभारत आदि में सैकडों खगोलीय संदर्भ हैं। अमरीका, कैनेडा के 500-600 विश्वविद्यालयों में इन ग्रंथों का अध्ययन किया जाता है। यद्यपि विज्ञान ने यूरोप में बहुत प्रगति की है, परंतु विदेश में यह ज्ञान भारत से ही ले जाया गया है। अमरीका के इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस साइंस के डॉ. नीलेश नीळकंठ ओक ने स्पष्ट कहा है कि पश्चिमी लोगों ने भारत के समृद्ध ग्रंथों का अनुवाद करके ही आधुनिक विज्ञान में प्रगति की है। ओक श्री रामनाथ देवस्थान फोंडा गोवा में वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के उद्घाटन पर विश्वगुरु भारत का बलस्थान: सनातन हिन्दू धर्म विषय पर बोल रहे थे।
महोत्सव में इंडोनेशिया से रस आचार्य डॉ. धर्मयश, अफ्रीका निवासी इस्कॉन के श्रीवास दास वनचारी, इंटरनेशनल वेदांत सोसायटी के महामंडलेश्वर नर्मदा शंकरपुरीजी महाराज, स्वामी निर्गुणानंद पुरीजी, श्री स्वामी अखंडानंद गुरुकुल आश्रम के संस्थापक महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी प्रणवानंद सरस्वतीजी, संत रामज्ञानीदास महात्यागी महाराजजी, संतोष देवजी महाराज, अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष महंत डॉ. अनिकेत शास्त्रीजी, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर, महाराष्ट्र में वारकरी संप्रदाय के संतवीर हभप बंडातात्या कराडकर समेत देश-विदेश से 450 से अधिक हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं।
सनातन धर्म पर लगे आरोपों का जवाब देगा हिन्दू विचारक संघ पिंगळे
इस वर्ष के लोकसभा चुनाव में पाकिस्तान की आईएसआई से संबंध रखने वाले खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह और कश्मीर में आतंकवादियों की आर्थिक सहायता करने वाले रशीद इंजीनियर जैसे राष्ट्रविरोधी और अलगाववादी जेलों से चुनाव लडकर जीते हैं। धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र का इस्तेमाल कर ऐसे अलगाववादियों को चुनना देश के लिए खतरनाक है। हिन्दू राष्ट्र, सनातन धर्म को निशाना बनाकर कई झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। ऐसे समय में हिन्दुओं में असमंजस की स्थिति है। अत: इन आरोपों का उत्तर देने के लिए हिन्दू विचारक संघ का गठन किया गया है। इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक चारुदत्त पिंगळे ने जोर देकर कहा कि वामपंथियों द्वारा प्रचारित किए जाने वाले विभिन्न नैरेटिव, टूल किट, मीडिया और राजनेताओं द्वारा प्रचारित किए जाने वाले विभिन्न तथ्यों को उचित साक्ष्यों के आधार पर हिन्दू विचारक संघ द्वारा खारिज कर दिया जाएगा।
इस अवसर पर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती ने धर्मांतरण रोकने के लिए आदिवासी क्षेत्रों में किए गए कार्य विषय पर बोलते हुए कहा कि भारत की आजादी के बाद से हमें धार्मिक शिक्षा और नैतिकता की शिक्षा नहीं दी गई, आज बडी संख्या में हिन्दू नास्तिक बन गए हैं। आज धार्मिक शिक्षा के अभाव के कारण बहुत से हिन्दू धर्म परिवर्तन कर चुके हैं। इसलिए भविष्य में यह जरूरी है कि हम गरीबों और आदिवासियों से मिलें। यदि ऐसा हुआ तो कम से कम अगली पीढी धर्मांतरण से बच जाएगी।
स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सावरकर ने हिन्दू टू हिन्दू व्यवसाय को बढावा विषय पर मार्गदर्शन करते हुए कहा कि अब लडाई पारंपरिक नहीं, बल्कि आधुनिक है। इनमें आर्थिक हथियार सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए हलाल सर्टिफिकेशन के जरिए मुसलमानों द्वारा बनाई गई समानांतर अर्थव्यवस्था का जवाब देने के लिए हिन्दू संगठनों की पहल पर हिन्दू दुकानदारों को ओम शुद्ध प्रमाणपत्र देना शुरू किया गया है। अभियान की शुरुआत त्र्यंबकेश्वर (नासिक) से की गई है। हिन्दू दुकानदारों को प्रसाद शुद्धि के लिए इस प्रमाणपत्र का वितरण शुरू हो गया है।
श्रृंगेरी स्थित दक्षिणम्नाय श्री शारदा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य भारतीतीर्थ महास्वामीजी के उत्तराधिकारी, जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती महाराजजी ने वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के अवसर पर एक आशीर्वाद संदेश भेजा है। इस संदेश में उन्होंने कहा कि सनातन धर्म सर्वश्रेष्ठ है और इसका ज्ञान प्राप्त करना चाहिए साथ ही सनातन धर्म की रक्षा के लिए सभी को संगठित होना चाहिए, ऐसी अपील उन्होंने की। इस अवसर पर सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी द्वारा दिया गया संदेश सद्गुरु सत्यवान कदम ने पढा। इस सन्देश में उन्होंने यह ध्यान में रखकर धर्म संस्थापना का महान कार्य करने का आवाहन किया कि सर्वस्व का बलिदान ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का आधार है।
पुस्तकों का प्रकाशन
इस अवसर पर मान्यवरों ने दो मराठी ग्रंथ साधना के रूप में रोगी की देखभाल कैसे करें? तथा अध्यात्मशास्त्र के विभिन्न विषयों का बोध साथ ही पुण्य और पाप के प्रकार और प्रभाव और पाप के प्रभाव को दूर करने के लिए प्रायश्चित पर दो तेलुगु ग्रंथ तथा गुरु का महत्व यह तमिल पुस्तक लोकार्पित की गई।
इससे पहले महोत्सव की शुरुआत शंख ध्वनि और गणमान्य जनों ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ की। दीप प्रज्ज्वलन के बाद वैदिक मंत्रोच्चार किया गया। इस वर्ष हिन्दू धर्म के लिए काम करते हुए मारे गए सभी ज्ञात और अज्ञात हिन्दुओं के उद्धार के लिए सनातन संस्था के पुरोहित साधक सिद्धेश करंदीकर एवं अमर जोशी ने मंत्रपाठ किया। अधिवेशन के मौके पर देखा गया कि ट्विटर पर हैशटैग VHRMGoa_Begins के जरिए पूरे देश में हिन्दू राष्ट्र की चर्चा चल रही थी। सम्मेलन का सीधा प्रसारण हिनदू जनजागृति समिति की वेबसाइट HinduJagruti.org और यूट्यूब चैनल HinduJagruti के माध्यम से किया जा रहा है।