जयपुर। राजस्थान में संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर पलटवार करते हुए इसे कांग्रेस की हताशा, निराशा और अंतर्कलह करार देते हुए कहा है कि वह अखबारों की सुर्खियां बटौरने के लिए बिना किसी आधार के गलत बयानबाजी कर रहे हैं।
पटेल ने सोमवार को यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि डोटासरा को अहमदाबाद में कांग्रेस के अधिवेशन में जिस तरह साइड लाइन किया गया, उससे उनकी मनोदशा समझी जा सकती है वहीं विधानसभा में उनकी अनुपस्थिति और उनकी पार्टी में सचिन पायलट का बढते कद से वह अखबारों की सुर्खियां बटौरने के लिए बिना किसी आधार के गलत बयानबाजी कर रहे है। उन्होंने कहा कि विशेषाधिकार कानून कब लाया जा सकता है इसके बार में भी शायद डोटासरा को जानकारी नहीं है।
पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश की सभी 200 विधानसभा में यथा योग्य समान विकास कार्यों को पूर्ण करने का प्रयास किया है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने तो डोटासरा से बजट पूर्व यहां तक कह दिया था कि यदि कोई विधायक अपने क्षेत्र में विकास कराने की बात उन तक पहुंचाना चाहता है तो वो उसके मार्फत भी पहुंचा सकता है। वह प्रदेश के विकास के लिए सदैव तत्पर है और विकास कार्यों को बिना किसी भेदभाव के प्राथमिकता देंगे। ऐसे में विशेषाधिकार का हनन का सवाल ही नहीं होता।
पटेल ने कहा कि डोटासराजी ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ का नाम लेकर अनर्गल आरोप लगाए, डोटासराजी के ये आरोप पूर्ण रूप से मिथ्या है गलत है। पंचायतों का पुनर्गठन प्रशासनिक और कानूनी व्यवस्था है, पंचायतों का पुनर्गठन पंचायती राज अधिनियम तथा नगरपालिका का पुनर्गठन नगरपालिका अधिनियम के अनुसार किया जाता है।
यह पूर्णरूप से प्रशासनिक ईकाई है, जिसमें विधायकों, जनप्रतिनिधियों का मात्र सुझाव देने तक का रोल हो सकता है, निर्णय कानून के अनुसार पूर्ण पारदर्शिता से यह ईकाई करती है। इस ईकाई के फैसले के बाद भी आपत्तियों को सुनवाई का अधिकार जिला एवं प्रदेश समिति के समक्ष किया जाता है। ऐसे में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा का बयान गलत और गैर जिम्मेदाराना है। यह बयान कांग्रेस के अंतर्कलह को स्पष्ट कर रहा है।
वर्ष 1975 के दौरान ऐसे ही एक प्रकरण का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि विधानसभा में ऐसा ही प्रकरण आया था, तत्कालीन पंचायती राज मंत्री ने कहा था कि हम पंचायतों का कार्यकाल नहीं बढ़ाएंगे लेकिन कार्यकाल बढ़ाया गया। उस वक्त भी प्रो केदार और एक और विधायक ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने का प्रयास किया था लेकिन उस वक्त भी यह स्पष्ट हो गया था कि यह विशेषाधिकार के क्षेत्र में नहीं आता।
उन्होंने कहा कि डोटासरा ने तथ्यों से परे जाकर गैर जिम्मेदाराना बयान दिया और ऐसे में उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस केवल और केवल राजनैतिक माहौल ख़राब करने में लगी हुई है जबकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान की मज़बूत सरकार विकसित राजस्थान की दिशा में आगे बढ़ रही है।