नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई तथा आर्थिक और सामाजिक विकास को सरकार का मिशन बताते हुए बुधवार को राज्यसभा में कहा कि देश के मतदाता कांग्रेस की भ्रमित करने और झूठी कहानी गढने वाली नकारात्मक राजनीति को पहचान चुके हैं तथा उन्हाेंने भारत को विकास की राह पर आगे ले जाने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को लगातार तीसरी बार जनादेश दिया है।
मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में 21 घंटे से भी अधिक समय तक चली चर्चा का जवाब देते हुए संविधान पर संकट, जांच एजेन्सियों के दुरूपयोग, पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर विपक्ष की अवसरवादी चुप्पी, मणिपुर हिंसा और पेपर लीक जैसे मुद्दों पर सरकार का खुलकर पक्ष रखा। प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। प्रधानमंत्री के जवाब के बाद विपक्षी सदस्यों की गैर मौजूदगी में ही सदन ने धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
लोकसभा चुनाव में संविधान की रक्षा को कांग्रेस द्वारा बड़ा मुद्दा बनाए जाने का जवाब देते हुए मोदी ने कांग्रेस को संविधान का सबसे बड़ा विरोधी बताते हुए कहा कि यदि यह वास्तव में चुनाव का मुद्दा था तो जनता ने संविधान की रक्षा की जिम्मेदारी हमें दी है। उन्होंने देश में कांग्रेस की सरकारों के दौरान आपातकाल की ज्यादतियों, प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक पद के उपर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद बैठाने, कांग्रेस के नेता (राहुल गांधी) द्वारा मनमोहन मंत्रिमंडल के फैसले की प्रति फाडे जाने और सरकारी प्रोटोकोल में एक परिवार के सदस्यों को अनुचित प्राथमिकता दिए जाने जैसे मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि संविधान की रक्षा उसके आधार पर आचरण करने से होती है न कि संविधान की पुस्तक लहराने से। उन्होंने कहा कि 1975 में संविधान पर बुलडोजर चलाते हुए इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इस इंदिरा का नारा दिया गया था लेकिन कांग्रेस इस पर कभी कोई चर्चा नहीं चाहती।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस न केवल संविधान विरोधी है बल्कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग की भी विरोधी है। प्रधानमंत्री का कहना था कि कांग्रेस के प्रथम परिवार को जहां हार सुनिश्चित दिखती है वहां इन वर्गों के लोगों को आगे कर दिया जाता है। इसी संदर्भ में उन्होंने इस बार के लोकसभा अध्यक्ष के पद के चुनाव में केरल के दलित सांसद के सुरेश को आगे करने, इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव में मीरा कुमार तथा उप राष्ट्रपति के लिए सुशील कुमार शिंदे को चुनाव मैदान में उतारने जैसे उदाहरण दिए।
उन्होंने कहा कि इस चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस जश्न मना रही है, न जाने यह खुशी हार की है या नर्वस नाइंटीज की या तीसरी बार के (राहुल गांधी के) लांच के असफल होने की है। उन्होंने कहा कि दलित नेता और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे इस चुनाव में दीवार बनकर खड़े हो गए और परिवार को हार के ठीकरे से बचा लिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने 2014 में जब देश की बागडोर संभाली तो सबसे उनकी बड़ी प्राथमिकता गरीबों का कल्याण तथा भ्रष्टाचार और कालेधन पर वार करना था। भ्रष्टाचार से मुक्ति को सरकार का मिशन बताते हुए उन्होंने कहा कि हमने जांच एजेन्सियों को खुली छूट दे रखी है। सरकार कहीं टांग नहीं अड़ाएगी। एजेन्सियां ईमानदारी से काम करें और यह मेरी गारंटी है कि कोई भी भ्रष्टाचारी कानून से बचकर नहीं निकल पाएगा।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस इस मामले में दोहरा मापदंड अपनाती है। दिल्ली में आप के नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ आंदोलन को कांग्रेस के समर्थन की तीखी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस झूठी कहानियों तथा फर्जी वीडियो के जरिये कारनामे करती रहती है और भ्रष्टाचारी बचाओ आंदोलन चलाया जा रहा है। केन्द्रीय जांच एजेन्सियों के दुरूपयोग के आरोपों पर उन्होंने कहा कि शराब घोटाला करें आप, पानी घोटाला करें आप, शिकायत करे कांग्रेस और कार्रवाई हो तो गाली खाये मोदी।
उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस में हिम्मत है तो वह आप से सदन में जवाब मांगे। उन्होंने 2013 में मुलायम सिंह यादव और माकपा नेता प्रकाश कारत के कांग्रेस पर जांच एजेन्सियों और आयकर विभाग के दुरूपयोग के बारे में दिए गए बयानों और सीबीआई को उच्चतम न्यायालय द्वारा पिंजरे में बंद तोता कहे जाने के उदाहरण देते हुए कहा कि असल में इस तरह का काम कांग्रेस के जमाने में होता रहा है। उन्होंने कहा कि आज भी कांग्रेस एक तरफ एजेन्सियों के दुरूपयोग के आरोप लगाती है दूसरी तरफ केरल के मुख्यमंत्री की सीबीआई से गिरफ्तारी की मांग कर रही है।
मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई पंचायत से लेकर जिला परिषद तथा नगर निगमों तक ले जाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि इसमें सभी राज्य सरकारों को आगे आना होगा ताकि सामान्य नागरिक का जीवन आसान हो सके।
पश्चिम बंगाल में एक महिला की सरेआम सड़क पर पिटाई के वायरल वीडियो का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर भी राजनीति की जाती है। पश्चिम बंगाल की घटना की पीड़ा शब्दों में व्यक्त नहीं की जा सकती लेकिन इस पर प्रगतिशील नारी नेताओं के मुंह पर ताले लग गए हैं दिग्गज नेताओं की इस चुप्पी पर माताओं तथा बहनों की पीड़ा और बढ जाती है। यह चिंता का विषय है।
मोदी ने पेपर लीक को एक बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है और इसके समाधान के लिए सबको दलगत राजनीति से उपर उठकर प्रयास करना होगा। उन्होंने दोहराया कि सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को कतई नहीं बख्शेगी और इस संबंध में देश भर में गिरफ्तारियां की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर में माहौल में बदलाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि धारा 370 हटने के बाद के चुनाव में घाटी में रिकार्ड मतदान हुआ है और जम्मू कश्मीर के लोग संविधान तथा लोकतंत्र के समर्थन में आगे आये है। वहां के लोगों के सहयोग से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में है और आतंकवाद के बचे खुचे नेटवर्क को भी नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा।
मोदी ने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर को देश के विकास के एक और इंजन के रूप में विकसित कर रही है । यह क्षेत्र पूर्व एशिया के साथ हमारे व्यापारिक तथा सांस्कृतिक संबंधों का प्रवेश द्वार है। असम में सेमीकंडक्टर कारखाना लगाया जा रहा है जिससे रोजगार और कौशल विकास के अवसर बढेंगे। पूर्वोत्तर के राज्यों के बीच सीमा विवादों को मिल बैठकर हल करने में काफी प्रगति हुई है।
पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर की परिस्थितियाें को कठिन बताते हुए उन्होंने कहा कि वहां आग में घी डालने का काम बंद होना चाहिए। मोदी ने कहा कि मणिपुर में पहले भी दस बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार मणिपुर में राज्य सरकार के साथ मिलकर स्थिति सामान्य बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। स्कूल, कॉलेज खुले हुए हैं, परीक्षाएं भी हुई हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा के मामले में अब तक 11 हजार से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की गई है और 500 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में हिंसा में कमी आ रही है और भरोसा है कि वहां जल्दी ही शांति बहाल होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मतदाताओं ने इस चुनाव में उनकी सरकार को लगातार तीसरी बार मौका देकर दुनिया को उत्साहजनक संदेश भेजा है। उन्होंने कहा कि इस समय आपूर्ति श्रंखला के विविधिकरण के अवसर खोज रही दुनिया के लिए भारत अपनी पारदर्शी व्यवस्था के कारण निवेशकों के लिए विशेष आकर्षण की जगह है। उन्होंने राज्य सरकारों से इस अवसर का लाभ उठाने तथा सुधारों के माध्यम से विदेशी निवेश को आकर्षित करने का आह्वान किया।