नाड़ोल। रूपचंदजी महाराज की जन्मस्थली पर निर्मित आस्थाधाम में जो भी आदरपूर्वक शीश नवाएंगा उसके सारे दुःख दर्द दूर हो जाएंगे। जिनशासन के साथ पीड़ित मानवता की सहायता व जीवदया लिए उनकी सेवाओं को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उन जैसे महापुरूष का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। उनके बताए धर्म व सेवा के मार्ग पर चलकर हमें भी परमार्थ ओर जीवदया की भावना हमेशा मन में रखनी चाहिए।
यह विचार मरूधरा भूषण प्रवर्तक सुकन मुनि ने बुधवार को लोकमान्य संत, शेरे राजस्थान अहिंसा दिवाकर राष्ट्रसंत वरिष्ट प्रवर्तक रूपचंदजी महाराज की जन्मभूमि नाड़ोल नगरी में उनकी पावन स्मृति में गुरू रूप रजत आस्था कलश की स्थापना, धर्मशाला व पावनधाम के भव्य उद्घाटन समारोह के दौरान धर्मसभा में व्यक्त किए।
रूप मुनि सार्वजनिक सेवा समिति नाड़ोल एवं श्री रूपमुनि सार्वजनिक गौशाला निर्माण समिति के तत्वावधान में आयोजित समारोह में मरूधरा भूषण प्रवर्तक पूज्य गुरूदेव सुकन मुनि आदि ठाणा 14 के सान्निध्य में आस्थाधाम में कलश स्थापना लाभार्थी परिवार प्रकाशचन्द रसिकलाल धारीवाल पूना एवं उनके सहयोगी बालासाहब धोका द्वारा की गई।
भक्तों के मन में पूज्य गुरूदेव रूपमुनि की यादों को चिरस्थाई बनाए रखने के उद्देश्य से आस्था कलश की स्थापना की गई। समारोह में सुकन मुनि ने रूपचंदजी महाराज से जुड़े प्रसंगों का स्मरण करते हुए कहा कि वह गरीबों के मसीहा, भक्तों के भगवान, दीनदयालों के सहायक, गौवंश के रखवाले होने के साथ असहाय व जरूरतमंद की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे।
उन्होंने जैन धर्मावलम्बियों को ही नहीं बल्कि अजैनियों को भी भगवान महावीर के सिद्धांत व दर्शन के साथ जोड़ सत्य,अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। मानव सेवा ओर जीवदया के क्षेत्र में उनके उपकार कभी नहीं भूलाए जा सकते।
समारोह में तपस्वीरत्न ज्योतिषरत्न उप प्रवर्तक अमृतमुनिजी, युवा प्रेरक महेशमुनिजी, युवा तपस्वी पूज्य मुकेशमुनिजी, सेवारत्न हरीशमुनिजी, मधुर व्याख्यानी रितेशमुनिजी, युवा रत्न नानेश मुनिजी, मधुर प्रवचनकार प्रज्ञारत्न हितेशमुनिजी, मेवाड़ गौरव रविन्द्रमुनिजी, प्रार्थनार्थी सचिनमुनिजी, बालयोगी प्रभातमुनिजी, वरूण मुनिजी आदि ठाणा एवं महासाध्वी उमरावकंवरजी, साध्वी प्रीतिसुधाजी आदि ठाणा के अलावा पर्यावरणविद् डॉ. भुवनेश, महेन्द्रसिंह राणावत गुडा मांगलियान, रामदास महाराज, हीरादास महाराज का भी सान्निध्य मिला।
समारोह में गुरू भक्त वरिष्ठ सुश्रावक सुरेश गुंदेचा, जौहरीलाल कटारिया, नवरतनमल गुंदेचा, पारस बोहरा, सज्जनराज गोलेछा, लादूराम लोढ़ा, आनंद कवाड़, प्रसन्नचंद कोठारी खवासपुरा, दिनेश भलघट, विजयराज गांधी, भीलवाड़ा से राजेन्द्र सुकलेचा चैन्नई, पंकजकुमार मेहता, दिनेशकुमार मंडलेचा, विमलचन्द खिवेंसरा मुंबई आदि ने भी शिरकत की।
श्री रूप मुनि सार्वजनिक सेवा समिति नाडोल एवं श्री रूपमुनि सार्वजनिक गौशाला निर्माण समिति नादाणा द्वारा अतिथियों एवं गुरू भक्तों का स्वागत किया गया। कान्तिलाल जैन उदयपुर एवं नरेंद्र कुमार मेहता अहमदाबाद की ओर आयोजित गौतम प्रसादी में सैकडों भक्तजनों ने प्रसाद ग्रहण किया।
रूप मुनि सार्वजनिक सेवा समिति नाड़ोल के अध्यक्ष कांतिलाल जैन, महामंत्री नथमल गांधी, मंत्री जगदीशसिंह राजपुरोहित, कोषाध्यक्ष पदमचंद ललवानी, रूपमुनि सार्वजनिक गौशाला निर्माण समिति के अध्यक्ष हितेश भाई चौहान, महामंत्री मेघाराम मास्टर, कोषाध्यक्ष केवलचंद गांधी आदि पदाधिकारियों के साथ नरेन्द्र देवासी, डॉ. अमित भण्डारी, गौतमचंद दक, छगन मेवाड़ा, लुम्बाराम प्रजापत, मोहनलाल मेवाडा सहीत भक्तजन मौजूद रहे। समारोह में चैन्नई, बेंगलूरू, हैदराबाद, मुंबई, पाली, जोधपुर, ब्यावर, भीलवाड़ा, बिलाड़ा, खवासपुरा, बोरून्दा, रानी, सादड़ी, फालना, उम्मेदपुरा, जवाली, बुसी सहित राजस्थान व देश के विभिन्न क्षेत्रों से गुरू मिश्री रूप रजत के आस्थावान सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं हिस्सा लिया।
युवा तपस्वी मुकेशमुनिजी आदि ठाणा का चातुर्मास अंबाजी श्रीसंघ को
समारोह में उस समय हर्ष-हर्ष, जय-जय का उद्घोष गूंजायमान हो उठा जब प्रवर्तक श्री सुकनमुनिजी के मुखारबिंद से युवा तपस्वी मुकेशमुनिजी आदि ठाणा 5 का वर्ष 2024 का चातुर्मास सभी आगार सहित गुजरात के अंबाजी श्रीसंघ को प्रदान करने की घोषणा की गई। गौरतलब है कि पूज्य मुकेशमुनिजी आदि ठाणा का वर्ष 2023 का चातुर्मास अजमेर के वैशालीनगर श्रीसंघ को प्राप्त हुआ था।
समारोह की पूर्व संध्या पर मंगलवार रात एक शाम रुपमुनि महाराज नाम विशाल भक्ति संध्या कार्यक्रम हुआ जिसमे प्रख्यात गायक कलाकार दिलीप गवैया जोधपुर, गायिका प्रिति-प्रिया बरलूट, जैन संगीतकार अखिलेश अलबेला ने शानदार प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं भाव विभोर कर दिया।