संविधान नहीं होता तो केंद्र सरकार मुझे फांसी पर लटका देती : सत्येंद्र जैन

नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कहा कि अगर न्यायपालिका और संविधान नहीं होता तो भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार उन्हें फांसी पर लटका देती।

जैन ने आज सुबह अपने परिवार के साथ सरस्वती विहार में स्थित जैन मंदिर में पूजा अर्चना की और सभी देशवासियों के कल्याण की कामना की। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के अंदर अभी भी न्याय और संविधान है। सबको इसे मानना पड़ेगा। अगर संविधान, न्याय और अदालतें नहीं होतीं तो आज केंद्र में जिस तरह की सरकार चल रही है वह शायद फांसी पर लटका देती।

अरविंद केजरीवाल ने हमसे शुरू में ही कहा था कि हम इस देश की राजनीति को बदलने की कोशिश कर रहे हैं, जो भी यह कोशिश करेगा उसे जेल तो जाना ही पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि जेल जाने के बाद कई बार सोचा कि इन लोगों ने मुझे जेल भेज दिया, अरविंद केजरीवाल को जेल भेज दिया। मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को जेल भेज दिया। आम आदमी पार्टी के अंदर ऐसा क्या है कि ये हमारी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं। इसके पीछे केवल एक ही कारण है कि इस देश में कई पार्टियां बनीं, लेकिन ये बड़ी-बड़ी पार्टियां भी इनका कुछ नहीं बिगाड़ पाईं।

राजनीति पहले जैसे चल रही थी, वैसे ही चल रही है। उस तरह से चलते रहे तो कोई दिक्कत नहीं है। इन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अरविंद केजरीवाल राजनीति में आए, लेकिन इनके जैसे नहीं बने इसलिए फर्क पड़ता है।

जैन ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इस तथाकथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच करते हुए सात साल हो गए लेकिन अभी तक जांच चल ही रही है। चौबीस अगस्त 2017 को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामला दर्ज किया और सात दिन बाद 31 अगस्त को ईडी ने मामला दर्ज कर लिया।

इतना समय बीतने के बावजूद ये आज तक अपनी जांच पूरी नहीं कर पाए हैं। अगर इनसे जांच पूरी नहीं हो रही है, तो ये जांच एजेंसियां कर क्या रही हैं? उनका असली मकसद हमें गिरफ्तार करके केवल जेल में रखना था।

उन्होंने कहा कि जेल में उनके साथ अत्याचार किया गया। श्री जैन ने कहा कि मेरा वजन 40 किलो तक कम हो गया था। बीच में जब मैं बाहर आया तो डॉक्टरों को डर था कि कहीं मैं मर न जाऊं। इन लोगों ने कभी ये नहीं बताया कि सत्येंद्र जैन मर सकता था।