ब्रेन डेड व्यक्ति के हृदय और यकृत दो मनुष्यों के लिए नया जीवन दे गए

भोपाल। मध्यप्रदेश के जबलपुर मेडिकल कॉलेज में एक व्यक्ति को ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद उनका हृदय और यकृत (लिवर) दो बीमार मनुष्यों के शरीर में प्रत्यारोपित किए गए हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जबलपुर मेडिकल कॉलेज में बुधवार की शाम सागर जिला निवासी एक व्यक्ति के ‘ब्रेन डेड’ होने की सूचना प्राप्त हुई। इसके बाद तत्काल ही राज्य प्रशासन सक्रिय हुआ और भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों की टीम रात को ही ब्रेन डेड व्यक्ति के अंग बचाए रखने के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज पहुंची।

गुरुवार सुबह पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा के जरिए चिकित्सकों की दूसरी टीम भी जबलपुर पहुंची और देह दानदाता के हृदय (हार्ट) और यकृत (लिवर) को निकाला गया। इसके बाद ग्रीन कॉरिडोर का उपयोग करते हुए हृदय को एम्स भोपाल और यकृत को इंदौर के चोइथराम अस्पताल भेजा गया।

सूत्रों ने कहा कि दान किए गए अंगों के परिवहन के लिए पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा के वायुयान और हेलीकॉप्टर दोनों साधनों का उपयोग किया गया। हृदय को जबलपुर से भोपाल पीएमश्री एयर एम्बुलेंस से परिवहन किया गया, वहीं यकृत के लिए सर्वप्रथम मेडिकल कॉलेज जबलपुर से भोपाल एयरपोर्ट तक हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस का उपयोग किया गया। इसके उपरांत यकृत को भोपाल से इंदौर पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा के वायुयान के माध्यम से भेजा गया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सागर जिले के बलिराम कुशवाहा (61) के परिजनों द्वारा दिवंगत के अंगदान के निर्णय की सराहना करते हुए उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की है। डॉ यादव ने इसे महादान निरुपित करते हुए कहा कि हृदय का प्रत्यारोपण (ट्रांसप्लांट) पूरा हो चुका है और यकृत प्रत्यारोपण (लिवर ट्रांसप्लांट) की प्रक्रिया भी पूरी होने को है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दो जिंदगियां बचाकर महाप्रयाण पर निकले बलिराम कुशवाह को वे श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने इस साहसिक निर्णय के लिए उनके परिजनों का ह्रदय से आभार माना। डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश में पहली बार हार्ट ट्रांसप्लांट होने और जबलपुर, भोपाल तथा इंदौर में ग्रीन कॉरिडोर के लिए समर्पित भाव से कर्तव्य निर्वहन के लिए चिकित्सकों, पुलिस और प्रशासन को भी साधुवाद दिया है।