जयपुर। राजस्थान में मानसून की वर्षा का दौर जारी हैं और शनिवार को राजधानी जयपुर में हवा के साथ मूसलाधार वर्षा से सड़कें दरिया बन गई और जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया।
जयपुर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सुबह करीब छह बजे से शुरु हुई वर्षा तीन-चार घंटे तक मूसलाधार बरसी, जिससे नाले ऊफान पर आ गये और सड़कें दरिया बन गई तथा नीचले इलाकों एवं घरों में पानी भर गया। भारी वर्षा के कारण द्रव्यवती नदी का पानी सड़क पर आ गया। इन सबके कारण शहर एक बार थम सा गया और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस दौरान मानसरोवर के शिप्रा पथ, गोपालपुरा बाईपास, गुर्जर की थड़ी, मालवीयनगर, जगतपुरा, कालवाड़ रोड, झोंटवाड़ा, वैशाली नगर एवं आस पास के क्षेत्रों, भांकरोटा सहित कई क्षेत्रों में करीब एक फुट तक पानी भर गया और बहने लगा वहीं दुर्गापुरा में महारानी फार्म क्षेत्र में द्रव्यवती नदी का पानी सड़क पर आ गया। इस दौरान यातायात को रोकना पड़ा जिससे लंबा जाम लग गया।
इसी तरह सीकर रोड से ढेहर के बालाजी सड़क मार्ग पर दो फुट तक पानी भर गया। चांदी की टकसाल से काले हनुमानजी तक सड़क पर पानी भर गया और हनुमान मंदिर में भी पानी घुस गया। सवाई मान सिंह अस्पताल के सामने सड़क दरिया बन गई जिससे वहां मरीजों एवं आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी हुई।
इसके अलावा करतारपुरा नाले पर पानी पुलिया के ऊपर से बहने लगा जिससे यातायात बाधित हुआ। मान्यावास की भंवर नगर की कालोनियां में पानी भर गया जहां लोगों के घरों में भी पानी भर गया। बरसात में शहर की सड़कों पर जगह जगह गड्ढे बन जाने से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही हैं।
उधर शुक्रवार को लबालब हुए टोंक स्थित बिसलपुर बांध के दूसरे दिन छह गेट खोलकर 72 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। बांध के गेट संख्या सात से बारह तक छह गेट दो मीटर तक खोलकर 72 हजार 120 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।
इसी तरह प्रदेश के अलवर जिले कठूमर, सिरोही के माउंटआबू, झालावाड़ के सुनेल एवं टोंक के देवली में भी भारी बरसात हुई। प्रदेश में अब तक 613.21 मिलीमीटर बरसात हो हो चुकी जो सामान्य से 60.62 प्रतिशत अधिक हैं।
मौसम विभाग के अनुसार परिसंचरण तंत्र उत्तर पूर्वी राजस्थान एवं आसपास के क्षेत्र के ऊपर बना हुआ है और कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है। इस कारण पूर्वी राजस्थान के अधिकांश भागों में तीन-चार दिन तक मानसून के सक्रिय रहने की संभावना है।
घुटनों तक भरे बरसाती पानी में उतरे केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री चौधरी