मुंबई। मुंबई की एक सत्र अदालत ने कलाकार हेमा उपाध्याय और उनके वकील हरीश भंभानी की दोहरी हत्या के आठ साल बाद मंगलवार को उनके पति चिंतन उपाध्याय और तीन अन्य को उनकी हत्या की साजिश रचने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने दोषियों को मौत की सजा देने की अभियोजन पक्ष की याचिका भी खारिज कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसवाई भोसले ने पिछले सप्ताह चिंतन, शिव कुमार राजभर, प्रदीप कुमार राजभर और विजय कुमार राजभर को दोषी ठहराया था। इससे पहले चिंतन को हत्या के लिए उकसाने और साजिश रचने का दोषी ठहराया जा चुका है।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि 11 दिसंबर 2015 को विजय कुमार राजभर ने अन्य आरोपी व्यक्तियों की मदद से हेमा और हरीश की कथित तौर पर गला दबाकर हत्या कर दी थी। हेमा के अलग हो चुके पति चिंतन के कथित रुप से कहने पर उसने दोनों की हत्या कर दी थी। अगले दिन, एक कचरा बीनने वाले को कांदिवली के एक नाले में गत्ते के बक्सों में उनके शव मिले।
हत्या के आरोप में चिंतन को 22 दिसंबर 2015 को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में शिव कुमार राजभर, प्रदीप कुमार राजभर, विजय कुमार राजभर और एक नाबालिग शामिल है। चिंतन को 17 सितंबर, 2021 को सुप्रीमकोर्ट ने जमानत दी थी।