कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर कथित हमला करने के मामले में गिरफ्तार पार्टी नेता शाहजहां शेख को गुरुवार को छह वर्षों के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया।
शाहजहां को 24 परगना के मिनाखान के बामोनखोला गांव से बुधवार की रात को गिरफ्तार किया गया था। उसने पांच जनवरी को ईडी अधिकारियों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जवानों पर कथित रूप से हमले की साजिश रची थी और तब से वह फरार था। केंद्रीय एजेंसियां कथित राशन वितरण घोटाले की जांच के लिए उसके सरबेरिया स्थित घर पर गयी थी। उसकी गिरफ्तारी ठीक 56 दिन बाद हुई है।
ईडी ने हमले के लिए छह जनवरी को शाहजहां के खिलाफ नाजत थाने में आपराधिक मामला दर्ज किया था और तब से संदेशखाली के कद्दावर नेता को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया।
तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शाहजहां की गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने उसे निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमने शेख शाहजहां को छह वर्षों के लिए पार्टी से निलंबित करने का निर्णय लिया है। हमेशा की तरह, हम यह कार्य करते हैं, हमने अतीत में उदाहरण भी प्रस्तुत किया है और हम आज भी ऐसा कर रहे है।
अपनी गिरफ्तारी के साथ शाहजहां ने संदेशखाली अंचल सभापति नंबर 1 का पद और साथ ही जिला परिषद् कर्माध्यक्ष पद भी गंवा दिया है। तृणमूल नेता पर संदेशखाली में महिलाओं का यौन उत्पीड़न और गरीब आदिवासी लोगों की जमीन जबरन हड़पने और अचल संपत्ति को मत्स्य पालन में परिवर्तित करने का भी आरोप है।
ब्रायन ने कहा कि ईडी अधिकारियों पर हमले के आरोपी शाहजहां को पकड़ना राज्य पुलिस का कानूनी दायित्व है और उसे ईडी को गिरफ्तार करना चाहिए था। राज्य में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह गिरफ्तारी सहमति से की गई है और उन्होंने आरोपी को तत्काल ईडी की हिरासत में सौंपने की मांग की और पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की।
अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि तृणमूल नेता बंगाल पुलिस के संरक्षण में हैं और उनका 5-सितारा अतिथि जैसा सत्कार किया जा रहा है। इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय में शाहजहां की ओर से उनकी जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए पेश हुए एक वकील को मुख्य न्यायाधीश ने फटकार लगाते हुए कहा कि हमें उनसे कोई सहानुभूति नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम ने कहा कि गिरफ्तार तृणमूल नेता किसी सहानुभूति के लायक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि तृणमूल नेता निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और उन्होंने जो किया, वह उन्हें नहीं करना चाहिए था।
उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि वह शाहजहां की चार लंबित जमानत याचिकाओं पर चार मार्च को निचली अदालत में सुनवाई करेंगे। साथ ही उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि शाहजहां के खिलाफ 42 मामले दर्ज हैं।