राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केन्द्रीय मंत्रियों की विजिट से घंटों बंध जाते हैं सैकडों लोग

आबूरोड में रक्षा मंत्री के प्रस्तावित दौरे के रिहर्सल के दौरान रेवदर  मार्ग  पर  फंसे लोग।

सबगुरु न्यूज-आबूरोड। आबूरोड राजस्थान का वो शहर बन चुका है जो यहां स्थित ब्रह्माकुमारी संस्थान के वीआईपी विजिट प्रेम से सैंकडों लोगों को बंधक रहने को मजबूर कर देता हैं। पिछले दो सालों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और अब रक्षामंत्री के यहां पर विजिट के कारण शहर के सैंकडों लोगों को बंधक रहना पडता है।

अब इस तरह बंधक रहने से दिनचर्या और रोजगार प्रभावित रहने से स्थानीय लोगों में आक्रोश बढता जा रहा है। एक के बाद एक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री की इस संस्थान में वीआईपी विजिट से शहर के हवाई पट्टी से ब्रह्माकुमारी तक के पांच किलोमीटर के मार्ग पर रहने वाले लोगों की सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और शैक्षणिक गतिविधि पूरी तरह से ठप हो जाती हैं। ये उन प्रधानमंत्री के राज मे ंहो रहा है जो खुद वीआईपी कल्चर के कारण आम जनता की गतिविधियां ठप हो जाने के आलोचक रहे हैं।
-एक ही रास्ता
प्रदेश में आबूरोड संभवतः एक ऐसा शहर होगा जहां पर मुख्य शहर को बाहरी शहर से जोडने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता है। इस रास्ते के दोनों तरफ कई कॉलोनियों में हजारों लोग रहते हैं। इसी रास्तें पर हवाई पट्टी पडती है जहां पर वीआईपी के प्लेन उतरते हैं और इसी रास्ते पर करीब चार किलोमीटर की दूरी पर ब्रह्माकुमारी संस्थान का मुख्यालय है जहां पर ये वीआईपी आते हैं।

आबूरोड में रक्षामंत्री के प्रस्तावित दौरे की रिहर्सल के दौरान मानपुर ऋषिकेश मार्ग पर फंसे लोग।

-बंद कर देते हैं कॉलोनियों के रास्ते
जब भी कोई वीआईपी आता है तो हवाई पट्टी से ब्रह्माकुमारी संस्थान को जाने वाले मार्ग पर कई कॉलोनियां पडती हैं। इन कॉलोनियों के मुहाने इसी मार्ग पर खुलते हैं। इन कॉलोनियों में हजारों लोग रहते हैं। जब भी कोई बडा वीआईपी आता है तो उसके आने वाले दिन पांच से छह घंटे तक इस पांच किलोमीटर के रास्ते को पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है। बेरिकेटिंग लगाने से कॉलोनियों के बाशिंदे अंदर ही कैद हो जाते हैं। हर तरह की आवाजाही बंद होने से इस मार्ग पर पडने वाले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की ग्राहकी बंद हो जाती है। स्कूल का समय होने पर कई बच्चे फंसे रहते हैं।
-क्यों नहीं बनाते वीआईपी विजिट लेन
आबूरोड शहर जबसे स्थापित हुआ है तबसे यही मुख्य मार्ग मुख्य शहर को उसके उत्तरी हिस्से की कॉलोनियों से जोडने वाला एक ही रास्ता हैं। इस रास्ते के एक तरफ नदी और दूसरी तरफ माउण्ट आबू अभयारण्य की पहाडियां होने से इस मार्ग के दोनों तरफ की कॉलोनियों से बाहर निकलने का एक ही रास्ता है। यूं हवाई पट्टी से ब्रह्माकुमारी आश्रम जाने के लिए माउण्ट आबू की पहाडियों के किनारे किनारे एक और सिंगल रूट जाता हैं।

इतने वीआईपी विजिट होने पर सरकार खुद या फिर संस्थान इस मार्ग को बेहतर करवाकर इसे ही हवाई पट्टी से ब्रह्माकुमारी संस्थान की तरफ आने जाने का मार्ग बना सकती है। इस मार्ग पर कोई रिहायशी कॉलोनी नहीं पडती इसलिए वीआईपी विजिट के दौरान हजारों लोगों के बंधक रहने की समस्या भी नहीं रहेगी। आम तौर पर अधिकतर वीआईपी हवाई पट्टी पर हेलीकॉप्टर से आ रहे है। शहर के लोगों को बंधक बनाने की बजाय संस्थान में ही हैलीपैड बनाकर इस समस्या से मुक्ति दिलवाई जा सकती है। यदि हवाई जहाज से भी पहुंचे तो हवाई पट्टी से संस्थान तक हेलीकॉप्टर से जाकर लोगों को राहत दी जा सकती है।
-सबसे ज्यादा विजिट वर्तमान सरकार में
पिछले दो दशकों में यहां पर सबसे ज्यादा वीआईपी विजिट वर्तमान केन्द्र और राज्य सरकार के नेताओं की ही रही है। प्रधानमंत्री मोदी से पहले मनमोहनसिंह कभी भी यहां नहीं आए। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से पहले तो अशोक गहलोत और खुद वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री रहते हुए इस संस्थान के वीआईपी प्रेम को इतना नहीं पोसा था। हाल में गृहमंत्री अमित शाह आए। सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आने के कारण रविवार को रिहर्सल के लिए एक घंटा शहर के इस इलाके में सैंकडों लोग करीब पौन से एक घंटे तक बंधक रहे। सोमवार उनके विजिट के दौरान दोपहर 11 बजे से अपराह्न 3 बजे तक फिर इस मार्ग के दोनों तरफ के लोग बंधक रहेंगे।