गरीबों का भला होता है तो मैं जेल जाने को तैयार : अशोक गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अगर उनके जेल जाने से गरीबों का पैसा वापस आता है तो वह जैल जाने को तैयार है।

गहलोत सोमवार को यहां बिड़ला ऑडिटोरियम में नए जिलों एवं संभागों के उद्घाटन कार्यक्रम में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा उन पर किए गए मानहानि के मामले का जिक्र करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि आज उन्हें नए जिले फलौदी स्थापना समारोह में जाना था, लेकिन अदालत में पेशी के कारण देरी हो गई, इसलिए मैं वहां नहीं जा पाया।

उन्होंने संजीवनी घोटाले को एक हजार करोड़ से अधिक का मामला बताते हुए कहा कि इसे लेकर जब पीड़ित उनसे मिलने आये और पता चला कि गरीबों के करोड़ों रुपए फंसे है तो उन्हें बहुत दुख पहुंचा। उन्होंने कहा इस मामले में शेखावत और उनके परिवार को आरोपी बताने पर उन्होंने मेरे खिलाफ मानहानि का मामला कर दिया।

उन्होंने कहा कि संजीवनी घोटाले में पीड़ित गरीब लोगों का पैसा डूब गया, अगर मेरे जेल जाने से गरीबों का पैसा वापस मिलता है तो मैं जेल जाने को तैयार हूं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि श्री शेखावत संजीवनी मामले में गरीबों का पैसा वापस क्यों नहीं दिलाते जबकि इथोपिया एवं आस्ट्रेलिया में बड़े बड़े फार्म हाउस खरीद रखे हैं।

मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश में एक से बढ़कर एक शानदार काम हो रहे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 80 वर्ष के लोग कबड्डी खेल रहे है, महिलाएं कबड्डी खेल रही है। यह सकारात्मक सोच का परिणाम है और नकारातम्क सोच हिंसा, तनाव, दुर्भावना होती है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि हिंसा का जबाब हिंसा नहीं होता।

उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आरएसएस पार्टी इन बातों को समझ जायेगी। उन्होंने कहा कि रविन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था कि राष्ट्र हित बड़ी मानवता है। मानव मानव का सहयोग नहीं करेगा तो मानवता नहीं रहेगी और मानवता नहीं रहेगी तो राष्ट्र कहां रहेगा।

मुख्यमंत्री पद मुझे नहीं नहीं छोड़ रहा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोहराया है कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते है लेकिन मुख्यमंत्री पद मुझे नहीं छोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह बात मैंने ऐसे ही नहीं बोली, मैं राजनीति में हर शब्द सोच समझकर बोलता हूं।

मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री निवास पर हुए लाभार्थी संवाद कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि लाभार्थी अलवर की धापू देवी का योजना के तहत हार्ट बदला गया था। संवाद के दौरान धापू देवी ने उनसे कहा कि आप ही बार बार मुख्यमंत्री बनो। तब मैंने कहा था कि आपकी भावना की कद्र करता हूं, मैं तो मुख्यमंत्री का पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि मैं हर बात सोच समझकर बोलता हूं और यह बात भी सोच समझकर बोली थी। मैं मीडिया वालों को कहना चाहता हूं कि इसका मतलब यह मत समझना कि मैंने चलते हुए ही कमेंट्री कर दी। मैं राजनीति के अंदर हर शब्द सोच समझकर बोलता हूं।

उन्होंने कहा कि कई बार मन में आता है कि पद छोड़ दें। क्यों आता है यह तो रहस्य है। यह पद मुझे नही छोड़ रहा है, यह कहने की आदमी को हिम्मत चाहिए। आलाकमान फैसला करे वह मुझे मंजूर है। आलाकमान का निर्णय तो मुझे मंजूर होगा ही होगा मगर यह कहने की हिम्मत होनी चाहिए कि मैं पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन पद मुझे नहीं छोड़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसलिए वह वर्ष 2030 की बात कर रहे है कि तब तक प्रदेश को देश का नम्बर वन राज्य बनाना है। उन्होंने कहा कि मैं यह प्रदेशवासियों के विश्वास पर कर रहा हूं। अभी तो वर्ष 2030 तक दो चुनाव होने है और उस वक्त कौन मुख्यमंत्री रहेगा, पता नहीं, लेकिन हम सबका यह प्रयास होना चाहिए कि उस समय तक प्रदेश नम्बर वन नहीं तो कम से कम शीर्ष दो-तीन राज्यों की श्रेणी में आ जाए।