कोलंबो। मोहम्मद सिराज (21 रन पर छह विकेट) और हार्दिक पंड्या (तीन रन पर तीन विकेट) की कातिलाना गेंदबाजी की बदौलत भारत ने रविवार को श्रीलंका को दस विकेट से रौंद कर आठवीं बार एशिया कप का खिताब अपने नाम कर लिया।
एशिया कप समेत एक दिवसीय क्रिकेट के इतिहास में भारत की यह अब तक की सबसे बड़ी जीत है। इस जीत का सेहरा करिश्मायी गेंदबाज हैदराबाद के मोहम्मद सिराज के सिर पर बंधा जिन्होने अपनी लहराती गेंदों से श्रीलंका के शीर्ष क्रम को तहस नहस कर दिया और मेजबान टीम 15.2 ओवर के खेल में महज 50 रन ही बना सकी। इसके साथ ही सिराज सबसे तेज गति से एक दिवसीय 50 विकेट लेने वाले तीसरे भारतीय गेंदबाज बन गए हैं।
जवाब में भारत के इशान किशन (23) और शुभमन गिल (27) ने औपचारिकता निभाते हुये 6.1 ओवर में 51 रन बना कर भारत के नाम ऐतिहासिक जीत दर्ज करा दी। एक दिवसीय क्रिकेट के इतिहास में भारत की लक्ष्य का पीछा करते हुए यह अब तक की सबसे बड़ी जीत है। भारत ने सबसे ज्यादा आठ बार एशिया कप का खिताब अपने नाम किया है। भारत की यह जीत अगले महीने शुरू हो रहे विश्व कप में भारतीय खिलाडृियों का मनोबल बढ़ाने के लिये संजीवनी साबित होगी।
क्रिकेट के दीवानो द्वारा दिए गए उपनाम मियां मैजिक यानी मोहम्मद सिराज के करिश्माई प्रदर्शन से आर प्रेमदासा स्टेडियम की पिच श्रीलंका की बल्लेबाजी के कब्रगाह बन गई। हल्की बरसात के कारण करीब 40 मिनट की देरी से शुरू हुए मैच में सिराज ने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए अपने दूसरे ओवर में एक के बाद एक चार विकेट (पथुम निसंका, सदीरा समराविक्रमा, चरिथ असलंका, धनजंय डिसिल्वा) चटका कर श्रीलंका को मुश्किलों के दलदल में धकेल दिया। इस दलदल से फंसी श्रीलंका की पारी ने छटपटाते हुए 15.2 ओवर के खेल में 50 रन पर दम तोड़ दिया। यह स्कोर एक दिवसीय क्रिकेट इतिहास का तीसरा सबसे कम स्कोर है जबकि एशिया कप के इतिहास में यह किसी टीम द्वारा बनाया गया सबसे कम स्कोर है।
श्रीलंका की ओर से कुसल मेंडिस ने सबसे ज्यादा 17 रन बनाए जबकि महीश थीझणा के स्थान पर टीम में लिये गये दुसान हेमंता 13 रन बनाकर नाबाद लौटे। सिराज को दूसरे छोर पर जसप्रीत बुमराह (23 रन पर एक विकेट) और हार्दिक पंडया का भरपूर साथ मिला। अपने पहले ही ओवर में बुमराह ने कुसल परेरा को शून्य पर आउट कर मेजबान टीम पर दवाब बनाया जबकि बाद में दुनिथ वेल्लालगे (13),प्रमोद मदुशन (1) और मथीसा पथिराना (0) को सस्ते में चलता कर टीम इंडिया को अपना आठंवा एशिया कप खिताब जीतने का जश्न मनाने का मौका दे दिया।
श्रीलंका के आठ बल्लेबाज अपने निजी स्कोर को दहाई के स्थान पर नहीं ले जा सके जिनमें पांच तो अपना खाता भी नहीं खोल सके।