जैसलमर। भारतीय वायुसेना ने राजस्थान के थार रेगिस्तान में जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेन्ज में मेक इन इंडिया के तहत भारत में निर्मित हथियारों से शनिवार को अपनी जबरदस्त मारक क्षमता का प्रदर्शन करते हुए विश्व में सर्वश्रेष्ठ वायु सेनाओं में से एक होने का दमखम दिखाया।
इस दौरान पोकरण फील्ड फायरिंग रेन्ज वायेसेना के शौर्य एवं पराक्रम से गुंजयमान हो उठी। आकाश से बिजली का प्रहार थीम पर चारों तरफ रेत का गुब्बार, हवाई जहाजो, हेलीकॉप्टर की गड़गड़ाहट, बम धमाकों, गोलियां की आवाज, लड़ाकू हेलीकॉप्टर की आवाजाही वास्तविक युद्ध क्षेत्र जैसा नजारा नजर आ रहा था।
तीनो आर्म्ड फोर्सेज के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौ सेना अध्यक्ष एडमिरल आर हरिकुमार के मुख्य आतिथ्य एवं विटनेस में भारतीय वायुसेना ने अपने फायर पावर डेमोस्ट्रेशन कार्यक्रम में अपना दमखम दिखाया और रेंज वायुसेना की ताकत एवं प्रहार क्षमता से थरा उठी।
चीन एवं पाकिस्तान को आंख दिखाते हुए विश्व में सर्वश्रेष्ठ वायुसेनाओं में से एक भारतीय वायुसेना ने राजस्थान के जैसलमेर जिले की पोकरण फील्ड फायरिंग रेन्ज के चांधन क्षेत्र में वायु शक्ति के आठवें संस्करण में शनिवार को दिन रात को एक प्रदर्शन कार्यक्रम में फायर पावर में अपनी मारक क्षमता का जोरदार प्रदर्शन करते हुए पूरी रेन्ज को बम धमाकों से गूंजायमान कर दिया।
वायुसेना ने मेक अन इंडिया की तर्ज पर एक भव्य फायर पावर शो में तेजस, आकाश, आवाक्स, लाईट हेलिकोप्टर के साथ 121 भिन्न भिन्न विमानों, हेलीकॉप्टर ने भारतीय वायु सेना के जैसलमेर,सूरतगढ़, जोधपुर, फलौदी, नाल और उत्तरलाई एयर बेस से उड़ान भर फील्ड फायरिंग रेंज में पहुंच कर अपने मारक क्षमता एवं काबिलियत का प्रदर्शन किया।
भारतीय वायुसेना ने थार के रेगिस्तान में दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराया। वायुसेना के अब तक के सबसे बड़े युद्धाभ्यास वायु शक्ति 2024 में उड़ान क्षमताओं एवं घातक मारक क्षमता के प्रदर्शन की श्रृंखला में वायुसेना के जांबाजों ने चुन चुन कर भिन्न भिन्न छद्म लक्ष्यों तथा दुश्मन के नकली रेडार, सेना टुकड़ी, हथियारों का जखीरा, कंबाई, नकली पेट्रोल पंप के रॉकेट्स, लेजर नियंत्रित बम, मिसाईल अचूक निशानों से ध्वस्त कर रेन्ज में रोमांच पैदा कर दिया।
इस एक्सरसाइज की सबसे बड़ी खास बात यह थी कि इस बार का यह वायु शक्ति युद्धाभ्यास में पहली बार लड़ाकू विमान राफेल एवं देश निर्मित प्रचंड हेलीकॉप्टर ने हिस्सा लिया और राफेल ने पहली बार माइका मिसाइल दागकर दुश्मन के छदम ठिकाने को नष्ट किया।
इसी तरह पाकिस्तान में हुई सर्जिकल स्ट्राइक में जिस पाकिस्तान के एफ 16 विमान को विंग कमांडर अभिनन्दन ने आर 73 मिसाइल फ़ायर कर उड़ा दिया था, उसी आर 73 मिसाइल का इस्तेमाल पहली बार इस एक्सरसाइज में किया गया तथा तेजस लड़ाकू विमान में फिट करके दुश्मन के छदम ठिकानें को नष्ट किया गया।
डे, डस्क और नाईट तीनो में ही एयरफोर्स ने अपनी अचूक मारक क्षमता का जोरदार प्रदर्शन किया। इसमें राफेल, मिग 29, मिराज 2000, सुखोई एमकेआई और जगुआर, हाग ने दुश्मनों के काल्पनिक ठिकानो को नेजर गाईडेड बम और मिसाईल से ध्वस्त किया।
इस वायु शक्ति 2024 एक्सरसाईज में मेक-इन-इंडिया पर खासतौर से जोर रहा। इसमें भारत में निर्मित हल्का लड़ाकू विमान तेजस ने अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया, साथ ही स्वदेशी तकनीक से बनी आकाश मिसाईल एवं समर मिसाइल ने भी लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा किया।
इस अभ्यास में 22 से ज्यादा प्रकार के प्लेटफॉर्मों तथा हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया। अग्रिम पंक्ति के विमान सुखोई-30, मिराज-2000, जगुआर, मिग-29, विभिन्न हेलीकाप्टरों, रिमोटली पायलेटेड विमान तथा उच्च तकनीक से युक्त अवाक्स विमानों ने अपने सामर्थ्य तथा शक्ति का प्रदर्षन इस अभ्यास के दौरान किया।
स्वदेशी हल्का युद्धक विमान ‘तेजस’ भी इस अभ्यास का हिस्सा रहा जहां एक तरफ, आई एल-76, आई एल-78 तथा सी-130 जे ने अपनी सर्वोच्च क्षमता का प्रदर्शन करते हुए इस अभ्यास में भाग लिया वहीं आक्रमण हेलीकॉप्टरों मी-17 अपने रोटरी मोटर विंग की क्षमताओं का लोहा मनवाया।
आग्नेय शक्ति के आगामी प्रदर्शक के रुप में तीन चिता हेलिकोप्टरों ने क्रमशः राष्ट्रध्वज, वायुसेना और दक्षिण पश्चिम वायुकमान के प्रतीक ध्वज के साथ ग्रेंड स्टेंड के सामने से उड़ान भरी। इसी क्रम में दो जैगुआर वायुयान के ग्रेंड स्टेंड की तस्वीरे लेते हुए निचले स्तर पर उड़ान भरी। तदोपरान्त सुपरसॉनिक लड़ाकू वायुयान रफाल ने तेज ध्वनी छोड़ते हुए ग्रेंड स्टेंड पर गर्जन के साथ उड़ान भरी। इस दौरान भारतीय वायुसेना के विभिन्न लड़ाकू विमानों एवं लड़ाकू हेलीकॉप्टर के द्वारा शत्रुओं के अनेक कृत्रिम लक्ष्यों को सतह और हवा में अनेक प्रकार की मिसाईलों अचूक निर्देशित युद्ध सामग्री, अनिर्देशित बम्ब और रॉकेट द्वारा भेद कर नष्ट किया गया।
इसके साथ ही आई एल-76, आई एल-78 तथा सी-130 जे ने अपनी सर्वोच्च क्षमता का प्रदर्षन करते हुए इस अभ्यास में भाग लिया व रेंज में बनी अस्थाई हवाई पट्टी पर सी.130 हरकूलस विमान ने लेंडिंग करते हुवें युद्ध के मैदान में कमाण्डो को ड्राप करने का प्रदर्शन किया। इसके अलावा चिनूक हेलीकॉप्टर द्वारा युद्ध के क्षेत्र में एम 777 होवित्जर गन को सेना तक पहुंचाने का अदभुत प्रदर्शन किया, साथ ही एम 17 हेलीकॉप्टर के जरिए गरुड़ कमांडो ड्राप कर एक रक्षा ठिकाने को आंतकवादियों से मुक्त कराने का जबरदस्त प्रदर्शन किया।
गरुड़ विशेष बलों द्वारा शहरी क्षेत्र में इमारत में प्रवेश कर आतंकियों को नेस्ताबूद करने का अत्यंत शानदार एवं प्रभावशाली प्रदर्शन किया गया। सूर्यास्त के साथ ही रेगिस्तान के हजारो फुट उपर उड़ान भरते हुए मालवाहक वायुयान से आकाश गंगा के विशेष सुरक्षा बलों की पैराड्रप कलाबाजी का आयोजन स्थल बना।