नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन की सैन्य टुकड़ियों को अग्रिम मोर्चे से पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। यह जानकारी बुधवार को यहां सेना के सूत्रों ने दी।
सूत्रों के अनुसार एलएसी पर दोनों देशों के सैन्य अधिकारी चार साल से अधिक की तनातनी के बाद मोर्चे पर तनाव शैथिल्य की खुशी में दिवाली के अवसर पर एक-दूसरे को मिठाइयों का आदान-प्रदान करेंगे। सूत्रों ने कहा कि मोर्चे से पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। स्थानीय कमांडरों के स्तर पर बातचीत का सिलसिला जारी रहेगा। कल दोनों ओर से मिठाइयों का आदान-प्रदान किया जाएगा।
लद्दाख सेक्टर में 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकाें के बीच खूनी झड़प के बाद से सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन दोनों पक्षों के बीच स्थिति को शिथिल करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत चल रही थी। दोनों पक्षों ने हाल में भारत चीन सीमा पर अग्रिम मोर्चे से सैन्य टुकड़ियों को पीछे हटाने पर सहमति व्यक्त की जिसके तहत सेनाओं को पीछे हटाने का काम पूरा कर लिया गया है।
दोनों पक्ष पहले की तरह एलएसी पर गश्त का सिलसिला जल्द ही शुरू करेंगे। ब्रिगेडियर और उससे नीचे के रैंक स्थानीय कमांडर गश्त के तौर-तरीकों को बातचीत से तय करेंगे।
गौरतलब है कि गलवान घाटी में 15 जून 2020 को भारत के गश्ती दल पर चीन की सैनिक टुकड़ियों ने धावा बोल दिया था और उसके बाद झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन की सेना के भी जवान हताहत हुए थे लेकिन उनकी आधिकारिक तौर पर कोई संख्या नहीं बताई गई थी।