अजमेर। सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के तत्वावधान में संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में भारतीय संविधान दिवस पर आज विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के संचालनकर्ता प्रो. अनिल कुमार दाधीच ने विषय प्रवर्तन किया। डॉ. गायत्री ने संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. (डॉ) मनोज कुमार बहरवाल ने कहा कि भारतीय संविधान किसी ईश्वरीय प्रातिरूप को समर्पित करने की अपेक्षा भारत के लोगों को समर्पित है। भारतीय संविधान के दो महत्वपूर्ण उपकरण है। न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति एवं संवैधानिक उपचारों का अधिकार। भारतीय संविधान भारत के लोगों की आत्मा का प्रतिरूप है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावना के प्रारम्भ में जो हम भारत के लोग उस हममें सामूहिक शक्ति समाहित है। इसलिए कहा गया है कि संविधान लोकतन्त्र की आत्मा है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. नारायण लाल गुप्ता ने अपने व्यापक उदबोधन में संविधान निर्माण में मिहितार्थ सुक्ष्म बिन्दुओं को सदन के समक्ष रखते हुए बताया कि संविधान जनप्रतिनिधि व राजसत्ता को मर्यादित आचरण का अध्याय पढाता है। अतः इसका आधार लोक शिक्षण है। सामान्य नागरिक जनप्रतिनिधित एवं संस्थान सभी संविधान में मिहित मूल्यों एवं आदर्शों की अनुपालना के लिए दृढसकल्पि रहें। अतीत के स्वर्णिम भारत की स्मृति का लिखित दस्तावेज भारतीय संविधान है।उन्होंने समय के समानन्तर आने वाली बाधाओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संविधान निर्माणकर्ता आदर्शवादी थे एवं वर्तमान युग व्यावहारवादी हो गया।
इस अवसर पर राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. मनोज अवस्थी ने संवैधानिक विकास को राष्ट्रीय आन्दोलन की घटनाओं से जोडते हुए उन तमाम बिन्दुओं दृष्टांत के माध्यम से सर्वविदित किया कि यथार्थ में रक्त-क्रान्ति का परिणाम नहीं होकर संविधान मूल्यों का संग्रह, सांस्कृतिक प्रवाह का लिखित दस्तावेज एवं गांधी के ग्रामस्वराज्य की यथेष्ठ व यर्थाथ परिणिती है।
इसे श्रेष्ठतम परम्पराओं के अनुरूप संकलित किया गया। जटिल विषयों पर संविधान की व्याख्या करने का अधिकार न्यायपालिका को है।आवश्यकता है कि संवैधानिक राष्ट्रवाद को जनमानस अपनी भावनाओं के अनुरूप स्वीकार करे तथा उनके प्रति अपना समर्थन प्रस्तुत करे।
कार्यक्रम में प्रो. ज्योति देवल ने संविधान के अन्तगति अधिकारों पर बोलते हुए कहा कि सभी नागरिकों को अपने अधिकारों के साथ कर्त्तव्यों का भी पालन करना चाहिए।इन्होंने संविधान के दार्शनिक पक्ष पर बोलते हुए इनके विविध आयामों के बारे में बताया। इनके प्रश्चात मतदाता जागरूक समिति (स्वीप) के तत्वावधान में संकाय सदस्य एवं विद्यार्थियों ने निर्वाचनों में निर्भीक एवंनिष्पक्ष मतदान की शपथ ली।
संविधान दिवस के उपलक्ष में महाविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय सेवा योजना की चारों इकाइयों के स्वयंसेवकों एवं संकाय सदस्यों ने संविधान में निष्ठा, एवं मतदान के संकल्प को लेकर एक जागरूकता रैली भी निकाली। कार्यक्रम का संचालन प्रो. अनिल कुमार दाधीच ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन राजनीति विज्ञान के प्रभारी डॉ. बीएल मीणा ने दिया। इस अवसर पर समस्त संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।