वैश्विक स्तर पर लगातार बढ़ रही है भारत की प्रतिष्ठा : मदन राठौड़

जयपुर। राजस्थान भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पूर्व राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा द्वारा की जा रही बयानबाजी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि भारत की प्रतिष्ठा विदेशों में लगातार बढ़ रही है।

राठौड़ ने बुधवार को यहां जारी बयान में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में भी लगातार सुधार हो रहा है और भारत में गरीब, किसान, युवा और महिलाओं के लिए कई योजनाओं का भी लगातार क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके बावजूद कांग्रेसी नेताओं को यह नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में गहलोत और इनके नेताओं को अपना चश्मा बदलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि गहलोत साहब अभी अपनी ओछी राजनीति से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, उन्हें बाहर निकलकर दुनियां देखनी चाहिए। वहीं गोविंद सिंह डोटासरा जी तो लगातार बिना बॉल के फुटबॉल खेल रहे हैं। उन्हें पता ही नहीं रहता कि वह क्या कहते हैं।

राठौड़ ने कहा कि पहले भारत की प्रतिभायें देश से पलायन करती थीं और दूसरे देशों में जाकर वहां की अर्थव्यवस्था को मजबूत करती थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कम इन इंडिया, मेक इन इंडिया की दिशा में प्रयास किये और भारत की प्रतिभाओं को देश में ही अवसर प्रदान करने के प्रयास किए।

उन्होंने कहा कि भारत में उद्योग-धंधे लगेंगे तो यहां रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। मोदी ने आयात और निर्यात नीति में भी सुधार करते हुए कच्चा माल निर्यात नहीं करने और हमारे उत्पादों को निर्यात करने के लिए नीति को बढ़ावा देने का काम किया।

उन्होंने कहा कि गहलोत साहब को मोदी के कार्य नजर ही नहीं आ रहे हैं। वह प्रधानमंत्री के कार्यों को पकड़ ही नहीं पा रहे, ऐसे में उन्हें तुच्छ राजनीति से बाहर निकलकर दुनिया देखनी चाहिए। दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा नित नए आयाम स्थापित कर रही है। मोदी गरीबों को घर दे रहे हैं, रोजगार के लिए मुद्रा योजना शुरू की, बेहतर स्वास्थ्य के लिए श्रीअन्न जैसी स्वास्थय वर्धक योजना शुरू कर रहे हैं, लेकिन डोटासरा अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि वह बिना बॉल के फुटबॉल खेलते हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए बजट की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए कर्मचारी, अधिकारी, विधायक, सांसद, पूर्व जनप्रतिनिधियों, व्यापारी वर्गों के साथ चर्चा करके उनके विचारों को समावेशित करते हुए एक विकासोन्मुखी बजट तैयार कर रहे हैं। शर्मा ने अपने पहले बजट में ही सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखते हुए जनहितैषी फैसले किए।