जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सदन में मर्यादित आचरण और सदन के समय को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि सदन की कार्यवाही सुचारू रुप से चलाना पक्ष और विपक्ष की सामूहिक जिम्मेदारी है।
देवनानी मंगलवार को राजस्थान विधानसभा में सोलहवीं विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि 16वीं विधानसभा में प्रथम बार निर्वाचित सदस्यों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम अधिक महत्वपूर्ण है। उन्हें इससे लोकहित के मुद्दे उठाने, विधेयक पारित कराने तथा अन्य प्रक्रियाओं की जानकारी मिलेगी और विभिन्न सत्रों में विषय विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारी से संसदीय कार्यप्रणाली के बारे में उनकी समझ बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि सदन में जनता की समस्याएं उठाने के लिए सदस्यों को पूरा समय मिलेगा लेकिन सदन की कुछ मर्यादाएं भी हैं जिनका पालन करना होगा। देवनानी ने कहा कि विधानसभा में 21 समितियां गठित होती हैं जिनका सदस्य और सभापति बनने का अवसर विधायकों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये समितियां शक्तिशाली होती हैं, इन्हें और अधिक प्रभावी बनाना सदस्यों पर निर्भर है। उन्होंने विधायकों से इन समितियों में सक्रिय रूप से भूमिका निभाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि विभिन्न सत्रों में हुई सार्थक चर्चा में संसदीय प्रक्रियाओं, विधियों, कार्य संचालन नियमों और समितियों के कार्यों की जानकारी से हमें प्रदेश के विकास के लिए दिशा मिली है। कार्यक्रम में वरिष्ठ विशेषज्ञों द्वारा साझा किए अनुभवों से हमें सदन के बहुमूल्य समय का सर्वोत्तम उपयोग करने में मदद मिलेगी।
शर्मा ने उपराष्ट्रपति के उद्बोधन का उल्लेख करते हुए कहा कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी पक्ष और विपक्ष दोनों की होती है। इसलिए हमारा आचरण अनुकरणीय और आदर्श होना चाहिए। हमें भारत की संविधान सभा से प्रेरणा लेनी चाहिए। शर्मा ने सदन के सदस्यों की तरफ से उपराष्ट्रपति को विश्वास दिलाया कि सदन उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा की कार्यप्रणाली में पारंगत होने के लिए निरंतर सीखते रहना चाहिए। जनप्रतिनिधि के रूप में हमें जनहित के मुद्दों को नियमों के तहत उठाना चाहिए।
प्रबोधन कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने छह विभिन्न सत्रों में नवनिर्वाचित विधायकों को सदन के कार्य संचालन, प्रक्रियाओं एवं नियमों की जानकारी दी। पहले सत्र में लोकसभा सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह तथा राजस्थान विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह ने सदस्यों को सदन की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम तथा सदन में आचरण संसदीय परम्पराओं के विषय में जानकारी दी।
सत्यपाल सिंह ने कहा कि सदस्यों को सदन में मर्यादित आचरण करना चाहिए और उनकी वाणी में ज्ञान और तर्क के साथ भावना का भी मिश्रण होना चाहिए। राव राजेन्द्र सिंह ने कहा कि सदन लोकतंत्र का शिरोधार्य मंच और यहां की गरिमा लोकतंत्र का मान है। उन्होंने कहा कि लोकहित की मर्यादा का ध्यान रखकर सदस्य अपने आचरण से इसे प्रतिपादित करें।
इसके बाद आयोजित सत्र में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने संसदीय समितियों एवं उनकी कार्य प्रणालियों के बारे में विधायकों से चर्चा करते हुए कहा कि विधायकों को समितियों में अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए क्योंकि जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन प्रभावशाली ढंग से कर सुशासन में प्रभावी योगदान दे सकते हैं।
इसी तरह संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने सदस्यों को प्रश्नकाल एवं शून्यकाल के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल और शून्यकाल बहुत महत्वपूर्ण है जिनके माध्यम से जनता के मुद्दों को उठाया जा सकता है।
चतुर्थ सत्र में राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से संसदीय विशेषाधिकार एवं विधेयक पारण प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विधानसभा का मूल कार्य विधान बनाने का है। उन्होंने सदस्यों को विभिन्न प्रकार के विधेयकों के बारे में विस्तार से समझाया।
पंचम सत्र में पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के विधायी मामलों के विशेषज्ञ चक्षु राय ने बजट प्रबंधन एवं कटौती प्रस्तावों के बारे में सदन को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि बजट से सरकार के आर्थिक हालात के बारे में जानकारी मिलती है और विकास के बारे में उसके दृष्टिकोण के बारे में भी पता चलता है।
षष्ठम सत्र में लोकसभा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने संसदीय प्रस्तावों के विषय पर चर्चा की। उन्होंने स्थगन प्रस्ताव, अविश्वास प्रस्ताव तथा विशेष उल्लेख के प्रस्ताव सहित अविलम्बनीय लोक महत्व के विषयों के बारे में जानकारी दी।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कार्यक्रम में सभी का आभार व्यक्त किया। विधानसभा अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री ने पौधा भेंट कर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का स्वागत किया। देवनानी ने लोकसभा अध्यक्ष एवं पटेल ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिह्न भेंट किया। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक तथा संसदीय नियम एवं प्रक्रियाओं के विशेषज्ञ मौजूद थे।
देवनानी ने विधायक की शिकायत पर लिया संज्ञान
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बयाना से विधायक ऋतु बनावत द्वारा दी गई शिकायत पर तुरन्त संज्ञान लिया हैं। देवनानी ने शिकायत की जांच के लिए भरतपुर पुलिस महानिरीक्षक को दूरभाष पर निर्देश दिए। उन्होंने शिकायत पर कार्यवाही कर उसके संबंध में विधिक रिपोर्ट 23 जनवरी तक आवश्यक रूप से उन्हें भेजने के भी निर्देश दिए। देवनानी को दी गई शिकायत में विधायक ने बताया कि सोशल मीडिया पर फेक वीडियो अपलोड कर अफवाह फैलाकर आमजन को भ्रमित कर विधायक की छवि को घूमिल करने का गलत प्रयास किया जा रहा है।