बांदा। बांदा जेल में निरुद्ध माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज के सूत्रों ने बताया कि अंसारी को गुरुवार रात करीब साढे आठ बजे नाजुक हालत में अस्पताल लाया गया था। उपचार के दौरान उसकी सेहत बिगडती चली गई और हृदयाघात के कारण उसकी मौत हो गई।
माफिया की मौत के बाद एहतियात के तौर पर बांदा, गाजीपुर और मऊ में सुरक्षा व्यवस्था बढा दी गई है और तीनों ही जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। मुख्तार पिछले करीब ढाई साल से बांदा जेल में निरुद्ध था। उसके खिलाफ 64 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं जिसमें से कुछ समय पहले एक में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
मेडिकल कालेज अस्पताल ने एक मेडिकल बुलेटिन जारी कर मुख्तार की मौत की पुष्टि की है। जिसके अनुसार 63 वर्षीय मुख्तार को रात आठ बजकर 25 मिनट पर उल्टी की शिकायत पर बेहोशी की हालत में लाया गया था। आठ डाक्टरों की टीम ने उसका इलाज शुरु किया मगर भरसक प्रयास के बावजूद हृदयाघात के कारण मरीज की मौत हो गई।
इससे पहले मंगलवार को पेट संबंधी समस्या के कारण मुख्तार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां आराम मिलने के बाद उसे जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।
गौरतलब है कि 33 साल से अधिक पुराने फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में मुख्तार को वाराणसी की विशेष अदालत ने 2.02 लाख रुपए जुर्माने के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
जून 1987 में मुख्तार ने तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट, ग़ाज़ीपुर के कार्यालय में डबल बैरल बंदूक के लाइसेंस के लिए एक आवेदन प्रस्तुत किया। आरोप था कि स्टाफ की मिलीभगत से मुख्तार ने डीएम और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) के फर्जी हस्ताक्षर से लाइसेंस हासिल कर लिया।
फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद दिसंबर 1990 में मुख्तार समेत पांच नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। जांच के बाद 1997 में मुख्तार और आयुध लिपिक गौरी शंकर श्रीवास्तव के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया। इस दौरान गौरी शंकर की मौत हो गई।
जेल सूत्रों के अनुसार गुरुवार शाम जैसे ही मुख्तार की हालत खराब हुई। तत्काल जिला प्रशासन को सूचित किया गया। सूचना पर तत्काल जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल पुलिस अधीक्षक अंकुरअग्रवाल सहित पूरा प्रशासन दलबल के साथ जेल पहुंचा और पर्याप्त सुरक्षा के साथ उसे तत्काल मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया।
मेडिकल कॉलेज सूत्रों के अनुसार अंसारी को आईसीयू में भर्ती कराया गया जहां से उसे सीसीयू में शिफ्ट किया गया। मेडिकल कॉलेज में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सहित समस्त प्रशासनिक अधिकारी मौजूद है साथ ही मेडिकल कॉलेज परिसर में जिले का भारी पुलिस फोर्स पहुंचा।