जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राजधानी जयपुर में जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए गैस टैंकर हादसे मामले में केन्द्र एवं राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं।
न्यायालय की एकलपीठ के न्यायधीश अनूप ढंढ ने इस मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए शनिवार को यह आदेश दिए। न्यायालय ने इस मामले को दस जनवरी को सूचीबद्ध करने के आदेश दिए हैं।
न्यायालय ने कहा कि ऐसे अधिकारी जिनकी लापरवाही एवं जिनकी अकर्मण्यता के कारण ऐसी दुर्घटना हुई है। ऐसे अधिकारियों को जांच के बाद दंडित किया जाना चाहिए साथ ही इस दुर्घटना में घायल एवं मृतक के परिवारों को उचित मुआवज़ा दिए जाने की व्यवस्था तत्काल की जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि कैमिकल एवं ज्वलनशील कारख़ाने के आबादी स्थान क्षेत्र से दूर किए जाने चाहिए।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हाईवे पर बन रहे ब्रिज का काम तय समय सीमा में जल्द आम नागरिक की सुविधा के लिए किया जाना चाहिए। भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अत्यंत ज्वलनशील पदार्थ एवं वस्तु ले जाने वाले वाहनों के लिए एक अलग से रास्ता बनाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। ब्लैक स्पॉट और खतरनाक यू टर्न पर अलार्म की व्यवस्था की जानी चाहिए और इसके लिए बोर्ड लगाने चाहिए।
दियाकुमारी ने एसएमएस अस्पताल में घायलों की पूछी कुशलक्षेम
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने जयपुर के भांकरोटा के पास गैस टैंकर हादसे के घायलो की शनिवार को यहां कुशलक्षेम पूछी। दिया कुमारी ने एसएमएस अस्पताल पहुंच कर घायलों से मिली और उनकी कुशलक्षेम पूछी। उन्होंने चिकित्सकों को पूरी सावधानी बरतकर बेहतर उपचार करने के निर्देश दिए।
इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि यह बेहद दुःखद घटना है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा भी घटना होने वाले स्थान पर उस समय तुरंत पहुंचे। हम सब इस घटना को लेकर बहुत चिंतित हैं। चिकित्सकों की टीम पूरी मेहनत कर रही है। पूर्ण संवेदनशीलता से घटना में घायलों के बेहतर उपचार के लिए आवश्यक प्रयास किए जा रहें हैं।
जिन घायलों की गंभीर स्थिति है उनके लिए अलग से स्थान निश्चित कर वहां विशेष आईसीयू बनाकर कर पूर्ण गहनता से उपचार किए जाने के लिए कहा गया है। इसके लिए भी चिकित्सक प्रयास करेंगे। सरकार इस घटना के पीड़ितों की सहायता के लिए अपना पूरा प्रयास कर रही है।