श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस के गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुये बहुमत हासिल कर लिया है तथा नेकां के नेता उमर अब्दुल्ला का एकबार फिर मुख्यमंत्री बनना तय लगता है।
राज्य विधानसभा की कुल 90 सीटों के चुनाव में मंगलवार को हुई मतगणना में नेकां ने अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए कुल 42 सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस को छह सीटें मिली हैं। भारतीय जनता पार्टी दूसरे स्थान पर है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी का जनाधार खिसक गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेकां के नेता उमर अब्दुल्ला ने मतगणना के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में अपनी पार्टी को मिले जन समर्थन को उम्मीद से ज्यादा बताते हुए कहा है कि पार्टी लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करेगी।
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा बहाल करने को जरूरी बताया और कहा कि यह गठबंधन की पहली प्राथमिकता होगी। गठबंधन सरकार केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा वापस लेगी और इस काम को तत्काल प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा।
संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के बाद एक अलग माहौल में इस केन्द्र शासित प्रदेश में हुए पहले चुनाव में बड़ी उम्मीद के साथ चुनाव लड़ने वाली भाजपा को 29 सीटें मिली हैं। भाजपा को मुख्यतः जम्मू क्षेत्र की सीटों पर सफलता मिली है जबकि नेकां और कांग्रेस का कश्मीर घाटी और दक्षिण कश्मीर की सीटों पर दबदबा रहा है।
राज्य में तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत माने जाने वाली महबूबा मुफ्ती की पार्टी (पीडीपी) केवल तीन सीटों पर सिमट गई है, जबकि सात सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। डोडा सीट जीतकर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मेहराज मलिक ने जीत दर्ज कर राज्य में पहली बार अपनी पार्टी का खाता खोला है। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस, आम आदमी पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को एक-एक सीट हासिल हुई है।
नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बडगाम और गंदेरबल दो सीटों से विजयी हुए हैं। पार्टी के मुखिया फारूक अब्दुल्ला ने उमर की जीत के बाद कहा कि वही (उमर अब्दुल्ला) मुख्यमंत्री बनेंगे।
दिल्ली में कांग्रेस के प्रवक्ता जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता ने नेकां-कांग्रेस गठबंधन को स्पष्ट जनादेश दिया है और जोड़तोड़ से बहुमत हासिल करने के भाजपा के इरादे पर पानी फेर दिया है। उन्होंने कहा कि नेकां-कांग्रेस के अपने-अपने चुनाव घोषणा हैं। हम मिलकर सरकार बनाएंगे और मिलकर प्रदेश विकास का काम करेंगे। कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी कहा कि गठबंधन जम्मू-कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश नहीं रखना चाहता।
जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमॉक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने श्रीमुफवारा-बिजबेहरा विधान सभा सीट से मतगणना पूरी होने से पहले ही अपनी हार मान ली थी। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन हंदवाडा सीट से जीते हैं उन्होंने नेकां के चौधरी मोहम्मद रमजान को 662 वोटों के अतंर से हराया।
माकपा के मोहम्मद युसुफ तारीगामी ने कुलगाम निर्वाचन क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार सायर अहमद रेशी को 7,838 वोटों से हराया। वर्ष 2014 के चुनाव में पीडीपी कुल 87 सीटों वाली विधानसभा में 28 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। उसके बाद, दूसरे स्थान पर भाजपा को 24 सीटें मिली थीं।
नौसेरा सीट पर जम्मू-कश्मीर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रवीन्द्र रैना, नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार सुरेन्द्र कुमार चौधरी से 7819 वोट से हार गए हैं। इन चुनाव में भाजपा को 25.64 प्रतिशत, नेकां को 23.43 प्रतिशत, कांग्रेस पार्टी को 11.97 प्रतिशत और पीडीपी को 8.87 प्रतिशत मत प्राप्त हुये। अन्य पार्टियों और निर्दलियों ने 24.83 प्रतिशत वोट हासिल किए।
उमर होंगे अगले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री : फारूक अब्दुल्ला