पाली। श्री विश्वकर्मा जांगिड़ समाज सेवा समिति पाली की ओर से सोमवार को विश्वकर्मा जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर समिति संरक्षक भामाशाह भंवरलाल आसदेव के नैतृत्व में एक विशाल शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें जांगिड़ समाज के बालक बालिकाओं, युवक युवतियों और प्रोढावस्था के मातृशक्ति और बुजुर्ग सभी ने अत्यन्त उत्साह से भाग लिया।
शोभा यात्रा में पहली बार विरांगना बालिका और नवयुवक वीर घोड़े पर बैठकर निशान लेकर आगे चल रहे थे। उसके पिछे समाज करीब 251 युवा एवं प्रौढ महिलाएं सिर पर कलश लेकर आगे आगे चल रही थी। उसके पिछे समाज के युवा जोश से लबरेज नाचते-गाते चल रहे थे।
शोभायात्रा में गीता ज्ञान देते भगवान श्री कृष्ण, शिल्पाचार्य भगवान् विश्वकर्मा का परिवार, शिव परिवार एवं देवी देवताओं का स्वांग रचकर बैठे छोटे बालक बालिकाओ की झांकियां शहरवासियों के आकर्षण एवं कोतुहल का केंद्र रही। इसके अलावा पहली बार नागा साधुओं का दल भी आकर्षक के केंद्र रहे।
समाज अध्यक्ष रामचंद्र पिडवा ने बताया कि इस शोभायात्रा का शहर वासियों की और से स्वागत के लिए जगह जगह तोरण दार लगाएं गए। जहां पर जल शरबत आईसक्रीम एवं पृष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। यह शोभायात्रा समाज भवन श्री विश्वकर्मा मंदिर वीर दुर्गादास नगर से रवाना होकर सूरज पोल, सोमनाथ मंदिर, सर्राफा बाजार, गोल निम्बड़ा, चुड़ीघर बाजार, प्यारा चौक प्राचीन विश्वकर्मा मंदिर से होते हुए पुन विश्वकर्मा मंदिर आकर एक धर्म सभा में परिवर्तित हुई।
प्रचार मंत्री घेवरचन्द आर्य ने बताया वीर दुर्गादास पाली स्थित विश्वकर्मा भवन पहुंचकर एक धर्म सभा में परिवर्तित हुई। यहां मुख्य अतिथि ज्ञानचंद पारख, पूर्व सभापति महेन्द्र बोहरा एवं अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी प्रवीण जांगिड़ का समाज बंधुओं की और से स्वागत पटीका माल्यार्पण और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया।
मुख्य अतिथियों द्वारा शोभायात्रा में भाग लेने वाले बाल कलाकारों को स्कूल बैग, समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं और उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं तथा अगले वर्ष की बोलीं लगाने वाले भामाशाहों को सम्मान पत्र स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किए गए।
मुख्य अतिथि पूर्व विधायक ज्ञानचंद पारख एवं महेंद्र बोहरा ने विश्वकर्मा जी के जीवन पर सम्बोधित करते हुए समाज को मिलजुल कर विश्वकर्मा जी के बताए मार्ग का अनुकरण कर राष्ट्र निर्माण में सहायक बनने का आव्हान किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में बंशीलाल उमराणिया, मधुसुदन बुढल, राजेन्द्र जोपिग, भंवरलाल बैगड, नवयुवक मंडल के सूर्य प्रकाश इन्द्राणियां, जगदीश बरड़वा, गणपत सायल, केवल नागल, जांगिड़ ब्राह्मण समाज महिला मंडल का सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन एंकर शिक्षक रामदयाल किजा एवं प्रकाश पिडवा ने किया। अतः में संरक्षक भंवरलाल आसदेव ने सभी का आभार व्यक्त किया।