इम्फाल। जनता दल यूनाइडेट में बुधवार अंदरुनी कलह सामने आई जब उसकी मणिपुर इकाई के अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा की, जिसके तुरंत बाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि उनकी राज्य इकाई के अध्यक्ष को अनुशासनहीनता के आरोप में पद से हटाया जा चुका है।
जदयू की मणिपुर की राज्य इकाई के अध्यक्ष के बिरेन सिंह के नाम से आज ही राज्यपाल के नाम लिखे समर्थन वापसी के पत्र में कहा है कि विधानसभा में पार्टी का एक मात्र विधायक सरकार का समर्थन नहीं करता और उसे विपक्षी सदस्य के रूप में माना जाए।
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने दिल्ली में एक बयान में कहा कि मणिपुर इकाई के अध्यक्ष को अनुशासनहीनता के आरोप में पद से हटाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जदयू की मणिपुर इकाई के बारे में कुछ भ्रामक खबरें आई हैं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष को अनुशासनहीनता के मामले में पद मुक्त किया जा चुका है।
वहां राजग की जो सरकार है, उसे पूर्व की तरह (पार्टी का) समर्थन जारी रहेगा। वहां ही नहीं, बिहार और देश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की मजबूती के लिए पहले की तरह हम उसी तत्परता के साथ अपना समर्थन जारी रखेंगे।
जदयू की मणिपुर इकाई की ओर से राज्यपाल को लिखे गए विवादास्पद पत्र को मीडिया में जारी कर दिया गया था, जिसमें लिखा गया है कि 2022 के चुनाव में जदयू के छह प्रत्याशी विधानसभा में चुनकर आए थे। कुछ महीने बाद ही उनमें से पांच ने भाजपा में शामिल होने की घोषणा कर दी। उनका मामला दल-बदल विरोधी अधिनियम के तहत विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण के समक्ष लंबित है।
पत्र में कहा गया है कि जदयू द्वारा इंडिया समूह का समर्थन किए जाने के बाद जदयू ने भाजपा के नेतृत्ववाली राज्य सरकार का समर्थन वापस ले लिया गया तथा इसकी सूचना राज्यपाल, सदन के नेता (मुख्यमंत्री) और अध्यक्ष को दे दी गई। इसी तरह, विधान सभा के पिछले सत्र में विधानसभा अध्यक्ष ने मणिपुर में जदयू के अकेले विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर के बैठने की व्यवस्था विपक्ष की सीटों के साथ की थी।
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि जदयू, राजग की मजबूती के लिए पहले की तरह काम कर रहा है और मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार से पार्टी के समर्थन वापस लेने की खबरें भ्रामक हैं।