नई दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन को शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देते हुए उसे रद्द करने की गुहार लगाई।
सोरेन ने अपनी याचिका में ईडी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह समन उनकी छवि, लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई झारखंड सरकार और वहां के लोगों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास है। उन्होंने अन्य प्रार्थनाओं के अलावा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने की मांग की।
ईडी ने सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए दो बार बुलाया था, लेकिन वह नहीं पहुंचे। ईडी राज्य में मनी लॉन्ड्रिंग के दो बड़े मामलों की जांच कर रही है। पहला मामला राज्य में अवैध खनन से जुड़ा है। एजेंसी ने पिछले साल 17 नवंबर को खनन मामले में सोरेन से पूछताछ की थी।
दूसरा मामला राज्य की राजधानी रांची में कथित भूमि घोटाले से संबंधित है। कथित जमीन के मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी सी रंजन और दो व्यापारियों सहित तेरह लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए सोरेन को 14 अगस्त को रांची स्थित अपने क्षेत्रीय कार्यालय में बुलाया था। तब उन्होंने इसे ‘राजनीति से प्रेरित’ मामला बताते हुए
ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। उन्होंने समन पर सवाल उठाया था और एजेंसी से इसे वापस लेने को कहा था। एजेंसी ने हालांकि सोरेन के दावों को खारिज कर दिया था और दूसरा समन जारी कर एजेंसी के समक्ष पेश होने को कहा था।