झुंझुनूं। राजस्थान में झुंझुनूं जिले के खेतड़ी थाने में चोरी के आरोप में पकड़े गये पप्पू राम मीणा (28) की पुलिस हिरासत में मौत होने पर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने कड़ा रुख अपनाते हुए सोमवार को थानाधिकारी से लेकर कॉन्स्टेबल तक सभी 32 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करके पुलिस लाइन झुंझुनूं भेज दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार खेतड़ी थाने में पुलिस लाइन झुंझुनूं से नया स्टाफ लगाया गया है। मामले की जांच जारी है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।
झुंझुनूं जिला पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी के अनुसार चोरी के आरोप में अजीतगढ़ के सीपुर निवासी पप्पू राम मीणा (28) को रविवार शाम पांच बजे गिरफ्तार किया गया था। थाने में पूछताछ के दौरान पप्पूराम की तबीयत बिगड़ गई। उसको घबराहट होने लगी और थोड़ी देर बाद वह उल्टियां करने लगा।
उन्होंने बताया कि पुलिस उसे खेतड़ी के सरकारी अस्पताल ले गई, जहां से उसे बीडीके अस्पताल झुंझुनूं भेज दिया गया। रात एक बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। चौधरी ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि पुलिस ने युवक के साथ मारपीट और प्रताड़ना की बात से इन्कार किया है।
उधर, मृतक के भाई कानाराम ने बताया कि पप्पू 6 अप्रैल को अपनी बहन के ससुराल नयाबास गया था। इसी दौरान चार गाड़ियों में सवार पुलिसकर्मी वहां पहुंचे और पप्पू को गाड़ी में बैठाकर खेतड़ी थाने ले गए थे। जब हमें इस बात की सूचना मिली कि पुलिस ने पप्पू को हिरासत में लिया है तो आठ अप्रैल को खेतड़ी थाने पहुंचे, लेकिन पप्पू से मिलने नहीं दिया गया। इसके बाद 10 अप्रैल को वकील के साथ थाने पहुंचे, जहां पुलिस अधिकारियों ने मौका मुआयना और तस्दीक करवाने की बात कहकर वापस भेज दिया।
मृतक के पिता हनुमान प्रसाद ने आरोप लगाया कि पप्पू को हिरासत में लिए जाने वाली रात को बेरहमी से पीटा गया जिससे उसके पैरों में सूजन आ गई थी और वह चलने-फिरने की हालत में नहीं था। इसके बाद पुलिस ने उसे खेतड़ी थाने की बजाय निजामपुर मोड़ चौकी में एक कमरे में बंद कर दिया और न्यायालय में भी पेश नहीं किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि पप्पू को छोड़ने के बदले पुलिसकर्मियों ने दो लाख रुपए की मांग की थी। पप्पू के खिलाफ दो वर्ष पहले अमरसर थाने में चोरी की एक भैंस खरीदने का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन पुलिस अब उसे बेवजह इस मामले में घसीट रही थी।