महाकुंभनगर। दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महासमागम महाकुंभ में कई अनोखे बाबा सोशल मीडिया की सुर्खियां बन चुके हैं। एक तरफ उनको व्यापक रूप से पसंद किया जा रहा है दूसरी तरफ उनके बारे में कई तरह की भ्रांतियां भी हैं, उनमें से आईआईटी बाबा के नाम के एक बाबा महाकुंभ में काफी लोकप्रिय हो रहें हैं।
आईआईटी बाम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियर से संत बनने की राह पर चल रहे बाबा को लेकर मेले में जो से चर्चा है कि उन्हें श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा से निष्कासित कर दिया गया है। हरियाणा के साैली गांव से आने वाले बाबा का असली नाम अभय सिंह है। उन्होंने महाकुंभ में व्यापक स्तर पर लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता महंत नारायण गिरी ने सोमवार को अभय सिंह का जूना अखाड़े का सदस्य नहीं बताकर मामले पर पूर्ण विराम लगा दिया। उन्होंने कहा कि अखाड़े से कोई संबंध नहीं था और न ही अब है। उसको निष्कासित किए जाने की खबरें भ्रमित करने वाली है। वह जिस महंत सोमेश्वर पुरी को गुरू कहता है उनका तो वह चेला ही नहीं और न ही जूना अखाड़ा ने उसे दीक्षित किया। जब वह अखाड़े के किसी संत का शिष्य नहीं और दीक्षित नहीं तो अखाडा उसे कैसे निष्कासित करेगा।
अखाड़ा के आस पास के साधु संतों का मानना है कि वह कभी कभी बहुत गूढ़ बातें करता है तो कभी बहुत हल्की। उसका कोई एक विचार नहीं रहता है। यह भी कहा जाता है कि अभय सिंह ने गुरू महंत सोमेश्वर पुरी के लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया। इसी आरोप में अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया।
महंत नारायण गिरी ने कहा कि वह लखनऊ मेडिकल काॅलेज में मानसिक बीमारी का उपचार कराने के दौरान वहां से फरार हो गया था। उन्होंने दावा किया कि वह जब दीक्षित ही नहीं है तो उसे कैसे कोई अखाड़े का सदस्य मान लेगा। वह जब अखाड़े का सदस्य होता तब कोई बात कही जाती।