ज्योतिबा फूले जयंती : दिनभर चला पुष्पांजलि अर्पित करने का सिलसिला


अजमेर।
महात्मा ज्योतिबा फूले की 197वीं जयंती को लेकर ज्योतिबा फूले सर्किल स्थित स्मारक पर दिन भर पुष्पांजंलि का सिलसिला चलता रहा। माली सैनी समाज की ओर से आयोजित मुख्य आयोजन में विभिन्न सामाजिक संगठनों व राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की।

विनयपूर्वक रोका, मिल्क शेक पिलाकर की सेवा

राजस्थान माली सैनी जागृति संस्थान की ओर से ज्योतिबा फूले स्मारक पर शीतल पेय वितरण किया गया। संस्था के कार्यकर्ताओं ने सर्किल से गुजरने वाले सभी लोगों विनयपूर्वक रोका तथा मिल्क शेक पिलाया। दिनभर ज्योतिबा फूले की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने को आने वालों का तांता लगा रहा।

शिक्षा के क्षेत्र में मातृशक्ति की पहचान बनी : रणछोड सैनी

जयपुर से आए गणमान्य समाज संगठन जीएसएस के राष्ट्रीय संयोजक रणछोड सिंह सैनी ने ज्योतिबा फूले की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि फूले जैसे दूरदर्शी और महान समाज सुधारक माली सैनी समाज में जन्मे। फूले ने तत्कालीन हालातों और अभावपूर्ण जीवन के बीच भी संघर्ष की लौ को कभी मंद नहीं पडने दिया। उसी का परिणाम है कि आज महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर सम्मान प्राप्त हो रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में मातृशक्ति की पहचान बनी है।

ज्योतिबा फुले गरीबों एवं पिछड़ों के मसीहा : विजय जैन

शहर कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष विजय के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने पुष्पांजलि अर्पित की। जैन ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने गरीबों एवं पिछड़ों के सामाजिक तथा आर्थिक उत्थान के लिए जीवनभर संघर्ष किया। उन्होंने शिक्षा का मूलमंत्र दिया, जिससे कमजोर, वंचित एवं पिछड़े वर्ग के लोग भी विकास की मुख्यधारा से जुड़कर अपनी सहभागिता निभा सकें।

फुले की पहली पाठशाला बन गई मिसाल : मनोज बहेरवाल

सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य मनोज बहेरवाल ने पुष्पांजलि अर्पित कर कहा कि पिछडों और दलितोत्थान के लिए ज्योतिबा फूले का योगदान अतुलनीय है। महिला शिक्षा को बढावा देने के लिए कृतसंकल्प फूले ने पहली पाठशाला खोली जो मिसाल बन गई। उन्होंने समाज में व्याप्त आडंबरों के खिलाफ जनआंदोलन छेडा। आज उनकी जन्म जयंती का यह मौका हमें उनके बताए मार्ग पर चलने को प्रेरित करता है।

महात्मा ज्योतिबा फूले की 197वीं जयंती की पूर्व संध्या पर जगमगाया स्मारक