बेंगलूरु। कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटों में से 19 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं जनता दल (एस) (जेडीएस) गठबंधन ने जीत हासिल की है वहीं कांग्रेस को नौ लोकसभा सीटों पर जीत मिली है।
भाजपा ने अपने दम पर 17 सीटें जीतीं और 2004 के बाद से कर्नाटक में अच्छा प्रदर्शन करने का अपना सिलसिला जारी रखा। जेडीएस ने जिन तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था उनमें से दो सीटें जीतने में कामयाब रही।
कांग्रेस अपने प्रदर्शन से निराश है। कांग्रेस ने गलत आकलन और विफल गारंटी को प्रमुख कारक बताया। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने निराशा व्यक्त करते हुए स्वीकार किया कि पार्टी की गणना गलत हो गई।
सिद्दारमैया ने कहा कि हमें अपेक्षित नतीजे नहीं मिले। हम 15-20 सीटें चाहते थे। हमारी गणना गलत हो गई। शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने जो गारंटी दी थी और जो काम किया था उसके कारण उन्हें अधिक सीटों की उम्मीद थी।
कांग्रेस के चुनावी वादे जो लोगों के लिए गारंटी पर केंद्रित थे, वांछित चुनावी लाभ दिलाने में विफल रहे। पार्टी को मैसूर और बेंगलूरु ग्रामीण में भी झटका लगा जहां उसे महत्वपूर्ण सीटें गंवानी पड़ीं। चुनाव में हालांकि कांग्रेस का कर्नाटक में वोट शेयर 31.88 प्रतिशत से बढ़कर 45.34 प्रतिशत हो गया है। कांग्रेस ने कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में भी जीत हासिल की और नौ सीटों में से पांच पर जीत हासिल की।
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