बेंगलूरु। कर्नाटक की एक विशेष अदालत ने चेक बाउंस मामले में राज्य के मंत्री मधु बंगारप्पा और एक अन्य व्यक्ति को दोषी ठहराया है।
अदालत ने बंगारप्पा जो आरोपी नंबर दो है, को शिकायतकर्ता राजेश एक्सपोर्ट्स को 6.96 करोड़ रुपए की जुर्माना राशि का भुगतान करने और शेष 10,000 रुपए राज्य को देने का निर्देश दिया है। मंत्री आकाश ऑडियो-वीडियो प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं, भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें छह महीने के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
एक्सएलआईआई के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जे प्रीथ ने कहा कि आरोपी नंबर एक और दो को दंडनीय अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और डिफ़ॉल्ट रूप से 6,96,70,000 रुपए का जुर्माना भरने की सजा सुनाई जाती है। आरोपी नंबर दो को छह महीने के लिए साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
मामले में मुख्य आरोपी आकाश ऑडियो-वीडियो है। अदालत ने बंगारप्पा पर कार्रवाई को लंबा खींचने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। शिकायतकर्ता के मुताबिक राजेश एक्सपोर्ट्स ने आकाश ऑडियो-वीडियो को छह करोड़ रुपए का इंटर-कॉर्पोरेट लोन दिया था। बंगारप्पा ने 6.6 करोड़ रुपए का चेक जारी किया, लेकिन 27 नवंबर 2011 को यह चेक बाउंस हो गया।
इसके बाद राजेश एक्सपोर्ट्स ने 2012 में 6.6 करोड़ रुपए के चेक के पुनर्भुगतान और मुआवजे की मांग करते हुए अदालत का रुख किया। मामला 2022 में विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद बंगारप्पा ने याचिका को रद्द करने के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
हालांकि, उच्च न्यायालय ने 2022 में बंगारप्पा की याचिका खारिज कर दी क्योंकि वह पूरा भुगतान करने में विफल रहे। इसके बजाय, जब न्यायालय में मामले की सुनवाई चल रही थी, तब मंत्री ने केवल 50 लाख रुपए का आंशिक भुगतान किया था।