अब लड़ाई मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति की : देवकीनंदन ठाकुर
बेंगलूरु। अयोध्या में श्रीराम मंदिर बन गया है। जय श्रीराम का सपना पूरा हो गया है। अब क्या आप (हिंदू) मथुरा चलेंगे? क्या मथुरा में जन्मभूमि बनानी है या नहीं? बहुत सह लिया, अब ना सहेंगे; हिंदू हक अब लेकर रहेंगे! इस प्रभावी नारे के साथ प्रसिद्ध कथावाचक पू. देवकीनंदन ठाकुर ने मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति के लिए हिंदुओं को आगे आने का आह्वान किया।
कर्नाटक राज्य के बेंगलूरु में कर्नाटक मंदिर महासंघ और हिंदू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित दूसरे कर्नाटक मंदिर अधिवेशन में उन्होंने यह बात कही। इस अवसर पर राज्यभर से मंदिर न्यासी, प्रतिनिधि, पुजारी और मंदिर संरक्षण के लिए लड़ने वाले वकील बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
इस दौरान देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि जिस तरह मुसलमानों के धार्मिक स्थलों की रक्षा के लिए वक्फ बोर्ड है, उसी प्रकार हिंदुओं के मंदिरों को मुक्त कर उनके प्रबंधन के लिए सनातन बोर्ड बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि संस्कृति का संरक्षण करना है, तो मंदिरों की रक्षा करना अनिवार्य है, और यह तभी संभव है जब हिंदू एकजुट हों। उन्होंने उपस्थित लोगों से मंदिर संरक्षण के लिए लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया।
कर्नाटक राज्य के गंगम्मा तिम्मय्या कन्वेंशन हॉल बसवेश्वरनगर में मंदिर संस्कृति के संरक्षण के लिए मंदिर ट्रस्टियों के इस अधिवेशन का शुभारंभ शंखनाद से हुआ। इस अवसर पर सनातन संस्था के धर्मप्रचारक रामानंद गौड़ा, कर्नाटक हाईकोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता प्रमिला नेसरगी, मुजराई विभाग के पूर्व आयुक्त आईएएस नंदकुमार, श्रृंगेरी महासंस्थान के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी पद्मश्री आरवी गौरीशंकर और मंदिर महासंघ के राष्ट्रीय संगठक सुनील घनवट ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मान्यवरों के हाथों रुग्ण की सेवा-शुश्रूषा साधना के रूप में कैसे करें? इस सनातन निर्मित कन्नड़ भाषा के लघु ग्रंथ का विमोचन किया गया।
भारतभर में मंदिर महासंघ के कार्य को हिंदू समाज से व्यापक समर्थन मिल रहा है। कर्नाटक राज्य के मंदिरों के संवर्धन और संरक्षण के लिए हिंदुओं को एकजुट होने का आह्वान कर्नाटक मंदिर महासंघ के संगठक मोहन गौड़ा ने किया।