बेंगलूरु। कर्नाटक में विवादास्पद मंदिर कर विधेयक को शुक्रवार को विधान परिषद में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सहयोगियों ने खारिज कर दिया। विधेयक को इस सप्ताह की शुरुआत में विधानसभा में पारित किया गया था, लेकिन उच्च सदन में कांग्रेस के पास बहुमत नहीं होने से यह विधेयक ध्वनि मत से खारिज हो गया।
हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024 राज्य को एक करोड़ रुपए से अधिक राजस्व वाले मंदिरों से 10 प्रतिशत और 10 लाख रुपए से एक करोड़ रुपए के बीच राजस्व वाले मंदिरों से पांच प्रतिशत कर इकट्ठा करने की अनुमति देता है।
विधेयक की धारा 25 प्रबंधन समितियों में गैर-हिंदू सदस्यों की नियुक्ति की अनुमति देती है जो हिंदू मंदिरों की स्वायत्तता और पारंपरिक प्रबंधन प्रथाओं का उल्लंघन है, इसी कारण इस विधेयक को हिंदू विरोधी कहा जा रहा है।
कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने एक्स पर कहा कि राज्य में लगातार हिंदू विरोधी नीतियां अपना रही कांग्रेस सरकार ने अब हिंदू मंदिरों के राजस्व पर कुटिल नजर डाली है और अपना खाली खजाना भरने के लिए हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक पारित किया है।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के एटीएम को फंड देने के लिए विधानसभा में विधेयक लाया गया है, जो तुष्टीकरण की राजनीति का नया निचला स्तर है।
उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि राहुल गांधी देश में भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं।कर्नाटक में उनकी कांग्रेस पार्टी सरकार डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के एटीएम को फंड करने के लिए कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक, 2024 विधानसभा में लेकर आई है। यह है तुष्टिकरण की राजनीति का नया स्तर। हम इस विधेयक का विरोध करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि किसी अन्य उद्देश्य के लिए धन का उपयोग हिंसा और धोखाधड़ी होगी। येदियुरप्पा ने यह भी कहा कि भगवान को चढ़ाए गए प्रसाद का उपयोग मंदिर के विकास और दान कार्यों के लिए किया जाना चाहिए।
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने भाजपा पर धर्म को राजनीति में लाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस हिंदू धर्म की असली समर्थक है और उसने लगातार मंदिरों और हिंदू हितों की रक्षा की है।