नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब नीति से संबंधित कथित तौर पर धनशोधन करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर उन्हें जारी किए गए सभी नौ समन के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मौज जैन की पीठ इस मामले में 20 मार्च को सुनवाई कर सकती है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल धनशोधन करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बार-बार समन पर उसके समक्ष पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए। इस मामले में शनिवार को दिल्ली की एक अदालत में वह पेश हुए थे, जहां उन्हें शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी।
राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) दिव्या मल्होत्रा की अदालत ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी केजरीवाल को 15,000 रुपए के जमानत बांड या इतनी ही रुपए की जमानत राशि जमा करने की शर्त पर जमानत अर्जी मंजूर की थी।
ईडी ने अदालत से शिकायत करते हुए कहा था कि धनशोधन अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कई बार समन भेजने के बाद भी केजरीवाल पूछताछ के लिए उसके समक्ष पेश नहीं हुए। इससे पहले केजरीवाल 17 फरवरी को वर्चुअल माध्यम से एसीएमएम की अदालत में पेश हुए थे।