वाशिंगटन। अमरीका के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि न्यूयार्क में टि्वन टावर पर 2001 में 11 सितंबर (9/11) के हमले का कथित रूप से मुख्य षडयंत्रकारी खालिद शेख मोहम्मद अधिकारियों के साथ बातचीत में अदालत में अपना अपराध स्वीकार करने पर सहमत हो गया है।
खालिद 2003 में पाकिस्तान में पकड़ा गया था और उसे तथा उसके साथ मिल कर साजिश रचने के आरोप का सामना करने वालों को अमरीकी जांच एजेंसी सीआईए की एक गोपनीय जेल में रख कर उनसे पूछताछ की गई थी।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अदालत में सुनवाई शुरू होने से पहले पिछले 27 महीनों से उससे बातचीत की जा रही थी और खालिद अब न्यूयार्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले से जुड़ा अपना अपराध स्वीकार करने पर तैयार है।
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले में उस समय तक न्यूयार्क शहर की पहचान बन चुकी दो जुड़वां गगनचुंबी इमारतें (टि्वन टावर) ध्वस्त हो गई थीं और करीब तीन हजार लोग मारे गए थे।
सरकारी वकीलों की ओर से जारी बयान के मुताबिक खालिद के साथ अपराध स्वीकृति पत्र तय हो गया है। खालिद के साथ उसके दो सह-आरोपी वालिद बिन अताश और मुस्तफा अल हौसाव भी अपना अपराध स्वीकार करेंगे और वे मृत्यु दंड से बच जाएंगे।
अमेरिकी समाचार टीवी-चैनल सीएनएन की एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा गया है कि खालिद के साब बनी सहमति का ब्योरा 9/11 में मारे गए लोगों और बचे लोगों के परिवारों को भेजा जा रहा है।
खालिद के विरुद्ध मामले की अगले सप्ताह शुरुआत हाेने वाली है। अनुमान है कि इस सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से अपने अपराध स्वीकार किए जाने के संबंध में दलीलें पेश की जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट में अभियोजन एजेंसी के अधिकारियों के हवाले कहा गया है कि हम यह महसूस करते हैं कि इस मामले में सुनवाई से पहले आरोपियों के साथ इस तरह का समझौता करने के निर्णय पर उन हजारों परिवार के सदस्यों के बीच मिली-जुली प्रतिक्रियाएं होंगी जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है।
उन्होंने आगे कहा कि करीब 12 साल की मुकदमेबाजी के बाद ट्रायल पूर्व समझौता करने का यह निर्णय आसान नहीं है, हालांकि, यह हमारा सामूहिक, तर्कपूर्ण और सदभापूर्ण निर्णय है कि इस मामले में अंतिम निर्णय और न्याय का यह सबसे अच्छा समाधान है।
सीएनएन के राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक और राष्ट्रीय आतंकवाद विशेषज्ञ पीटर बर्गन ने कहा कि यह समझौता वास्तविकताओं को देखते हुए सबसे अच्छा संभव समझौता है। इससे मृत्यु दंड की धाराओं से संबंधित एक-एक लंबे और जटिल मुकदमे से बचा जा सकेगा।
अमेरिकी प्रशासन ने 9/11 हमलों की जांच के सिलसिले में खालिद को पाकिस्तान से 2003 में गिरफ्तार किया गया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद दो दशक से चल रहे इस मामले में अमेरिका के सरकारी वकीलों को कठिन चुनौती का सामना करना पड़ा है और मामले में अब तक ट्रायल (सुनवाई) नहीं शुरू हो सकी है।
खालिद पर 2008 में हमले की साजिश, युद्ध के कानून के उल्लंघन और हत्या, नागरिकों और सार्वजनिक सम्पत्तियों हमला, संपत्तियों को नष्ट करना, जानबूझकर लोगों गंभीर शारीरिक क्षति पहुंचाना और आतंकवाद और आतंकवाद के लिए भौतिक सहायता सहित कई अपराधों में मामला दायर किया गया है।
खालिद और उसके साथ मिल कर षडयंत्र करने वाले आरोपियों के खिलाफ सैन्य कानून के तहत मुकदमे में देरी हुई क्योंकि 2000 के दशक में अमरीकी अदालत को सीआईए की गुप्त जेल में खालिद और अन्य से जो साक्ष्य प्राप्त किए गए थे उन साक्ष्यों को अदालत में प्रामाणिकत करने में समय लगा। यह मुकदमा 11 जनवरी, 2021 को शुरू होना था, लेकिन दो न्यायाधीशों के इस्तीफे और कोरोना महामारी के कारण इसमें विलंब हुआ।