अमृतसर। प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के सरगना लखबीर सिंह रोडे की पाकिस्तान में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है।
लखबीर सिंह रोडे ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के अंदर भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई में मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का भतीजा था।
अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार और लखबीर सिंह के भाई जसबीर सिंह रोडे ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि लखबीर की शनिवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
लखबीर लंबे समय से पाकिस्तान में रह रहा था। उन्होंने बताया कि लखबीर सिंह की आत्मा की शांति के लिए 14 दिसंबर को अकाल तख्त साहिब पर अरदास की जाएगी और 16 दिसंबर को उनके पैतृक गांव रोडे में भिंडरावाले की स्मृति में बनाए गए गुरुद्वारा खालसा में भोग की रस्म की जाएगी।
जसबीर सिंह ने बताया कि लखबीर सिंह लगभग 40 वर्ष पहले मई 1984 में विदेश चला गया था और फिर कभी वापिस भारत नहीं आया। उन्होंने बताया कि उनके जाने के बाद श्री दरबार साहिब पर सैनिक कार्रवाई ‘आपरेशन ब्लू स्टार’ हुआ। सिंह ने बताया कि विभिन्न देशों में रहने के पश्चात लखबीर सिंह पाकिस्तान चला गया और अपने आखिरी सांस तक पाकिस्तान में रहा।
तीन महीने पहले सरकार द्वारा लखबीर सिंह की जमीन कुर्क करने की बाबत रोडे ने कहा कि सरकार लखबीर सिंह की जमीन के दस्तावेज लगभग एक साल पहले ही अपने नाम करवा चुकी थी। अब एक साल बाद जमीन कुर्की का सिर्फ ड्रामा किया गया है।
लखबीर सिंह रोडे को भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया है। वह शुरू में दुबई में रहने के लिए देश से भाग गया था, और बाद में पाकिस्तान चला गया। रोडे कई वर्षों से पाकिस्तान से प्रतिबंधित संगठन केएलएफ चला रहा था और उस पर लाहौर से अपनी गतिविधियां चलाने का संदेह था।
लखबीर सिंह रोडे भारत में प्रतिबंधित संगठन केएलएफ का प्रमुख था। लखबीर सिंह पर भारत सरकार के डोजियर के अनुसार वह पूरे भारत में वीवीआईपी को निशाना बनाने के लिए सीमा पार पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी और आपूर्ति के लिए जिम्मेदार है।
लखबीर सिंह का बेटा भग्गू बराड़ फिलहाल कनाडा में रह रहा है और उस पर पंजाब में आतंकवादी हरकतों को अंजाम देने का आरोप है। वह अपने पिता को हथियार और धन मुहैया कराने के लिए नियमित रूप से पाकिस्तान जाता था। उस पर कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया गया है।