अजमेर। राजस्थान के अजमेर में रजब माह का चांद दिखाई देने पर ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का 812 वां सालाना उर्स 12 जनवरी 2024 से भरेगा। इससे पहले सालाना उर्स का झण्डा 8 जनवरी को दरगाह के बुलन्द दरवाजे पर परम्परागत तरीके से चढ़ाया जाएगा।
अजमेर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (शहर) परसाराम ने बताया कि उर्स मेला-2024 के अवसर पर प्रबन्धन एवं अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाओं एवं पाक जायरीनों के आगमन के सम्बन्ध में विचार विमर्श के लिए जिला कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के समिति कक्ष में 11 दिसम्बर को प्रातः 11 बजे बैठक का आयोजन किया जाएगा।
अजमेर प्रशासन, दरगाह कमेटी तथा दोनों अन्जुमनों के पास सालाना उर्स की तैयारियों के लिए करीब-करीब एक माह का ही समय है। जनवरी में तेज सर्दी को देखते हुए बाहर से आने वाले जायरीनों के लिए खास इन्तजाम करने होंगे।
उल्लेखनीय है कि धार्मिक रस्मों के हिसाब से सालाना उर्स 6 दिवसीय होता है। इस दौरान जन्नती दरवाजा भी खोला जाता है। लेकिन बड़े कुल की रस्म के साथ 9 दिनों तक चलता है। इसमें भी प्रशासनिक एवं सुरक्षा व्यवस्था 15 दिनों के लिए करनी पड़ती है।