अजमेर। पूरी दुनिया में भाईचारे इंसानियत और सांप्रदायिक सदभाव के लिए विख्यात राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 813वें सालाना उर्स में रौनक बढ़ने लगी है और दरगाह में उर्स की रसूमात धूमधाम से मनाई जा रही है।
उर्स के चलते दरगाह सहित पूरे शहर में देश के विभिन्न राज्यों से आए जायरीन की चहल पहल बढ़ गई है और दरगाह में उर्स के तहत मन्नतें मांगने, चादर चढ़ाने और अकीद्त के फूल पेश करने का सिलसिला जारी है। उर्स में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से शनिवार को सुबह 11 बजे चादर पेश की जाएगी। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात कार्य मंत्री किरन रिजिजू प्रधानमंत्री की तरफ से ख्वाजा साहब की पवित्र मजार पर चादर पेश करेंगे। इसी तरह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से भी पांच जनवरी को दरगाह में चादर पेश की जाएगी।
ख्वाजा गरीब नवाज के प्रति आस्था महज मुसलमानों की नहीं है बल्कि सभी धर्म के लोग दरगाह शरीफ की चौखट चूमकर श्रद्धा और विश्वास के साथ शीश झुकाते हैं और मन की मुरादे भी पाते हैं। यूं तो ख्वाजा साहब की दरगाह में जायरीन के आने का सिलसिला वर्ष पर्यंत बना रहता है लेकिन उर्स का मौका कुछ खास होता है। यही कारण है कि प्रत्येक जायरीन की इच्छा उर्स के दौरान दरगाह के आस्थाने शरीफ पर माथा टेकने और मजार शरीफ पर अकीद्त के फूल पेश करने की रहती है।
ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स छह दिन तक चलता है। 813 वर्ष पूर्व रजब की पहली तारीख को ख्वाजा साहब इबादत के लिए अपनी कोठरी में चले गए और अपने मुरीदों को निर्देश दिए कि उन्हें इबादत के बीच आवाज़ नहीं दी जाए, जब छह दिन तक जब वे बाहर नहीं आए तो उनके मुरीदों ने कोठरी खोल कर देखा तो ख्वाजा साहब का इंतकाल हो चुका था। इस कारण ख्वाजा साहब का उर्स छह दिन तक मनाने की परंपरा हैं।
उर्स की रस्मों के तहत दरगाह शरीफ के दरगाह दीवान जेनुअल् आबेदीन अली की सदारत्त में महफिल सजने का सिलसिला शुरू हो चुका है जिसमें शाही कव्वाल ख्वाजा गरीब नवाज की शान में कव्वालियां पेश कर रहे है। उर्स के दौरान शुक्रवार को उर्स की पहली नमाज अदा की गई। छह दिवसीय उर्स की कुल की रस्म सात जनवरी को होगी जबकि बड़ा कुल 10 जनवरी को मनाया जाएगा।
इन छह दिनों में अजमेर में उर्स मेला लगा रहेगा और इस दौरान पडौसी देश पाकिस्तान से भी जत्था उर्स में ख्वाजा साहब की दरगाह में हाजरी लगाने आने की संभावना है। इस दौरान पुलिस एवं प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने, सुरक्षा एवं व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
दरगाह में पेश की जाने वाली मोदी की चादर का स्वागत : चिश्ती
सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह प्रमुख नसीरुद्दीन चिश्ती ने उर्स के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से पेश की जाने वाली चादर का स्वागत करते हुए कहा है कि यह उन लोगों के लिए जवाब होगा जिन्होंने पिछले दिनों से मंदिर-मस्जिद का विवाद पैदा एवं देश में माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
चिश्ती ने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि वह प्रधानमंत्री की चादर का स्वागत करते हैं और हिन्दुस्तान की परंपरा रही है कि देश आजाद होने के बाद से देश में जितने भी प्रधानमंत्री हुए सबने उर्स के दौरान ख्वाजा साहब की दरगाह में चादर भेजते रहे हैंं और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी वर्ष 2014 से जब प्रधानमंत्री बने हैं तब से लगातार इस परम्परा को कायम रखे हुए हैं और पूरी अकीदत के साथ चादर भेज रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान की यह सभ्यता और संस्कृति है कि सभी धर्म, मजहब, सभी धर्म गुरुओं एवं धार्मिक स्थलों का सम्मान हो। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय संसदीय मामलात एवं अल्पसंयक मंत्री किरेन रिजिजू प्रधानमंत्री की तरफ से शनिवार को दरगाह में चादर पेश करेंगे और उनका संदेश पढ़कर सुनाएंगे।