कोलकाता। पश्चिम बंगाल में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने शुक्रवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष को अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में पूछताछ के लिए शुक्रवार को हिरासत में ले लिया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संघीय एजेंसी की अपराध निरोधक इकाई ने विवादास्पद पूर्व प्राचार्य को पूछताछ के लिए उनके घर से शहर के सीजीओ कॉम्प्लेक्स ले गई। घोष को तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता शांतनु सेन द्वारा सीबीआई से घोष को हिरासत में लेने और 31 वर्षीय प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के अपराध की सच्चाई जानने के लिए उनसे पूछताछ करने की अपील करने के एक दिन बाद हिरासत में लिया।
घोष ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपना इस्तीफा दे दिया था, लेकिन ममता बनर्जी सरकार ने उन्हें राज्य के स्वामित्व वाले चित्तरंजन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में नई नियुक्ति दी, लेकिन वहां के चिकित्सकों ने उन्हें स्वीकार करने से इनकार कर दिया।कलकत्ता हाईकोर्ट ने जनहित याचिकाओं की एक श्रृंखला पर सुनवाई करते हुए घोष को लंबी छुट्टी पर जाने का आदेश दिया और बाद में तुरंत आदेश पारित किया गया।
घोष को सीबीआई ने कई बार तलब किया था, लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया और सोमवार को तत्काल सुनवाई के लिए अदालत में पेश किया। कल रात उन्हें एक नोटिस दिया गया, जिसे उन्होंने फिर से टाल दिया और अपने कानूनी वकील के माध्यम से सुरक्षा की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसमें दावा किया गया कि उनकी जान को खतरा है।
इस बीच मुख्यमंत्री ने अपने पार्टी सांसदों एवं विधायकों के साथ मौलाली से डोरीना चौराहे तक रैली निकाली और हत्या के लिए दोषियों को मृत्युदंड की मांग की। बनर्जी ने मांग की कि सीबीआई को आगामी रविवार तक मामले को पूरा करना चाहिए।
भाजपा ने युवा चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के बाद स्वतंत्रता दिवस पर आरजी कर अस्पताल में हुई बर्बरता के विरोध में श्यामबाजार के पांच-बिंदु क्रॉसिंग पर धरना-प्रदर्शन भी किया। एसयूसीआई ने पूरे बंगाल में 12 घंटे का बंद भी प्रायोजित किया, जो आज सुबह 6 बजे शुरू हुआ और पूरे राज्य में आंशिक रूप से जनजीवन प्रभावित हुआ। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि उत्तर बंगाल के कुछ जिले बंद के कारण बड़े पैमाने पर प्रभावित हुए।