अजमेर/कोटा। राजस्थान में कोटा जिले की मानव तस्करी विरोधी यूनिट द्वारा तीन सालों से गुमशुदा नाबालिग बालक को अजमेर जिले के मांगलियावास थाना इलाके में एक ढाबे से दस्तयाब करने में सफलता हासिल की है।
शहर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि नाबालिग की तलाश के लिए 20 हजार का इनाम घोषित किया हुआ है। उन्होंने बताया कि 22 अक्टूबर 2020 को बच्चे की मां ने थाना अनन्तपुरा पर रिपोर्ट देकर बताया था कि 14 अक्टूबर की सुबह उसका नाबालिग बेटा बिना बताए कहीं चला गया। रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर बच्चे की तलाश की गई। बच्चे की फोटो और विवरण समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया गया, मुखबिरों को भी एक्टिव किया गया।
बालक अपने साथ पहचान संबंधी कोई दस्तावेज या मोबाइल नहीं लेकर गया था, ऐसी स्थिति में बालक की तलाश एक चुनौती पूर्ण कार्य था। जिले में नाबालिग बच्चों की तलाश के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महिला अपराध अनुसंधान सेल उमा शर्मा के निर्देशन में मानव तस्करी विरोधी यूनिट से विशेष टीम का गठन किया गया।
तलाश के दौरान टीम को जानकारी मिली कि बालक की रुचि पढ़ाई की अपेक्षा हलवाई कार्य व कैटरिंग में थी। इसके बाद इस पर टीम ने वहां के सभी होटल, ढाबों एवं कैमल सफारी में तलाश कर अजमेर ब्यावर हाईवे के एक ढाबे से बच्चे को दस्तयाब कर लिया।
तीन साल बाद गुमशुदा बच्चों को देखकर परिजनों की खोई मुस्कान फिर से लौट आई और उन्होंने पुलिस विभाग की भूरि-भूरि प्रशंसा की। बच्चे की दस्तयाबी में हेड कांस्टेबल ओम दत्त, श्योजी राम व महिला कांस्टेबल आरती की विशेष भूमिका रही।