नौकरी के बदले जमीन घोटाला : ईडी ने लालूप्रसाद यादव से की पूछताछ

पटना। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े अवैध धन शोधन मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव से आज पूछताछ की।

ईडी की यह पूछताछ इस मामले में सह आरोपी यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजप्रताप यादव से पूछताछ के बाद की गई। मंगलवार को ईडी ने राबड़ी देवी और तेजप्रताप यादव से चार घंटे से अधिक समय तक अलग-अलग पूछताछ की थी।

ईडी के समन के बाद लालू यादव अपनी बेटी और राजद सांसद मीसा भारती के साथ बुधवार को राजधानी पटना में केंद्रीय एजेंसी के समक्ष पेश हुए।

ईडी ने सूत्रों ने बुधवार को बताया कि यादव के समक्ष पुराने सवालों के साथ-साथ नए सवाल और तथ्य रखे जा रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह घोटाले के धन शोधन पहलू की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी को गुमराह तो नहीं कर रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि ईडी ने मंगलवार को ही राबड़ी देवी से पूछा था कि उन्होंने जमीन अपने नाम कैसे कर ली। वे उन लोगों को कैसे जानती हैं, जिनसे नौकरी के बदले जमीन ली गई और उन्होंने नौकरी के लिए उन लोगों को क्यों लालच दिया है। उनसे दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में उनके छोटे पुत्र और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के बंगले की जमीन और पटना के सगुना में उनके अपार्टमेंट के बारे में भी पूछताछ की गई।

आरोपों के अनुसार केंद्र की तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे तब नियमों को ताक पर रखकर रेलवे में ग्रुप डी के पद पर कई उम्मीदवारों की नियुक्ति की गई थी। इसके बदले में लालू परिवार और उनके करीबियों के नाम पर कीमती जमीनें औने-पौने दामों पर रजिस्ट्री कराई गई थीं।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले के आपराधिक पहलू की जांच कर रहा है जबकि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से इसकी जांच कर रही है। लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी और तेजप्रताप यादव समेत कई आरोपियों के खिलाफ दोनों एजेंसियों ने आरोप पत्र दाखिल किया है। यादव और उनके बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव और तेजप्रताप यादव को पिछले साल दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में जमानत दे दी थी। इसकी जांच सीबीआई और ईडी दोनों कर रही है।

ईडी ने पिछले साल दाखिल अपने आरोप पत्र में लालू-राबड़ी की बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव का नाम भी शामिल किया है। आरोप है कि नौकरी चाहने वालों से जमीन खरीदने के लिए ही एक कंपनी बनाई गई थी।

इस मामले में एके इंफोसिस्टम्स और एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एबीईपीएल), पूर्व रेलवे कर्मचारी हृदयानंद चौधरी और एके इंफोसिस्टम्स के निदेशक अमित कत्याल को भी आरोपी बनाया गया है। ईडी ने इस मामले में पहले ही 6.02 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति जब्त कर ली है और अमित कत्याल को गिरफ्तार भी किया है।

आरोप पत्र के अनुसार अमित कत्याल ने लालू यादव के साथ कथित मिलीभगत करके एक कंपनी बनाई, जिसने नौकरी चाहने वालों से बिहार में जमीन के टुकड़े खरीदे। राबड़ी देवी ने एक फर्जी कंपनी के माध्यम से अपने बेटे तेजस्वी यादव को फंड ट्रांसफर करने में मदद की, जिसका कथित तौर पर दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक संपत्ति के निर्माण में इस्तेमाल किया गया।

इस बीच, बुधवार को भी पटना में ईडी कार्यालय के समक्ष राजद के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने माता-पिता से पूछताछ पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आज दोहराया कि उनका परिवार इस तरह की पूछताछ से बिल्कुल भी नहीं डरता और हमेशा किसी भी जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए तैयार है।

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे एक मजबूत ताकत के रूप में उभरेंगे और विधानसभा चुनाव के बाद बिहार में सरकार बनाएंगे।

तेजस्वी यादव ने मामले को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि यदि वे राजनीति में नहीं होते तो उन्हें इसमें नहीं घसीटा जाता। उन्होंने बिहार सरकार पर प्रदेश में बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने में विफल रहने का भी आरोप लगाया और कहा कि बिहार में पिछले 20 वर्षों के दौरान 60 हजार से अधिक हत्याएं, सात हजार से अधिक अपहरण और 25 हजार बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं।