कोलकाता। कोलकाता के प्रतिष्ठित हावड़ा ब्रिज के मुख्य स्तंभों में से एक को शुक्रवार को एक बड़े अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे हावड़ा स्टेशन के रास्ते में पूर्वी हिस्से में दो फुटपाथ रेलिंग उखड़ गईं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार दोपहर लगभग एक बजे रवीन्द्र सेतु (हावड़ा ब्रिज) के मुख्य स्तंभ संख्या पांच के पास एक दुर्घटना हुई।
20वीं सदी के कैंटिलीवर ब्रिज की देखभाल करने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस दुर्घटना में रवींद्र सेतु (हावड़ा पुल) के मुख्य स्तंभ में कोई क्षति नहीं हुई। एसएमपी अधिकारी संजय कुमार मुखर्जी ने कहा कि केवल दो फुटपाथ रेलिंग खंभे क्षतिग्रस्त हुए हैं जिन्हें जल्द से जल्द ठीक कर लिया जाएगा।
नॉर्थ पोर्ट पुलिस स्टेशन से अनुरोध किया गया कि वह नुकसान के लिए आगे वसूली के लिए एफआईआर नंबर के साथ मोटर टक्कर की रिपोर्ट प्रदान करे। उन्होंने कहा कि रेल इंडिया तकनीकी एवं आर्थिक सेवा ने एक व्यापक स्वास्थ्य अध्ययन करने के लिए अपने कार्यबल को तैनात किया है जो स्थिति की जांच करेगा।
रवीन्द्र सेतु (जिसे हावड़ा ब्रिज भी कहा जाता है) का निर्माण 1937 से 1942 तक कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट द्वारा किया गया था और इसे फरवरी 1943 में यातायात के लिए खोल दिया गया था। इसका सर्वेक्षण, योजना, डिजाइन और पर्यवेक्षण का कार्य विश्व प्रसिद्ध सलाहकार, मैसर्स रैंडल, पामर और ट्रिटन (आरपीटी), लंदन द्वारा किया गया था। पुल का मुख्य निर्माता ब्रेथवेट बर्न एंड जेसोप था, जो कि वर्तमान हावड़ा ब्रिज का निष्पादन/निर्माण करने के लिए इन 3 फर्मों द्वारा गठित एक संघ था।
इसमें कुल 26,500 एमटी स्टील की आवश्यकता थी, जिसमें से 23,500 टन हाई-टेंशन अलॉय स्टील जिसे टिस्क्रोम भी कहा जाता है, की आपूर्ति टाटा स्टील ने की थी। पुल दो टावरों के बीच 1500 फीट लंबा है, सड़क 71 फुट चौड़ा है और दोनों ओर पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ की चौड़ाई 18.5 फीट है।