जयपुर। राजस्थान में दो चरणों में आगामी 19 एवं 26 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं वसुंधरा राजे, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, कांग्रेंस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा सीपी जोशी, चार केन्द्रीय मंत्रियों, कई पूर्व मंत्रियों, विधायक एवं पूर्व विधायकों सहित कई लोगों की चुनावी साख दांव पर लगी हैं।
इसी तरह राज्य में इस चुनाव में आधा दर्जन से अधिक सांसदों, इतने ही पूर्व सांसदों एवं प्रदेश के पूर्व मंत्रियों, करीब आधा दर्जन विधायक एवं पूर्व विधायकों, पैरालंपिक विजेता, पूर्व अधिकारी एवं उद्योगपति की भी चुनावी साख दांव पर है। चुनाव में भाजपा के 25, कांग्रेस के 23, बहुजन समाज पार्टी के 25, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का एक-एक प्रत्याशी, अन्य कई राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों एवं निर्दलीयों सहित कुल 266 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं। प्रथम चरण में 12 लोकसभा क्षेत्रों में 114 एवं दूसरे चरण में 13 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 152 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
इस बार चुनाव में भाजपा ने 400 पार का नारा दिया हैं और मोदी ने चुनाव की कमान संभाल रखी और राजस्थान में भी अब तक दौसा में रोड़ शो सहित अलग अलग स्थानों पर चुनावी सभाएं कर चुके हैं और भाजपा के प्रत्याशी मोदी की गारंटी पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस कारण प्रदेश में इस चुनाव में मोदी की चुनावी साख दांव पर है। प्रदेश में भाजपा की सरकार हैं और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में ताबड़तोड़ चुनावी सभाए कर केन्द्र एवं राज्य सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं। राज्य में तीसरी बार भी भाजपा की सभी सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं और इस कारण उनकी भी चुनावी साख दांव पर लगी हुई हैं।
बिरला कोटा से भाजपा प्रत्याशी है और वह लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव मैदान में है जहां उनका मुकाबला भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए प्रहलाद गुंजल से हैं। इस चुनाव में गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत इस बार जालोर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे है इस कारण गहलोत भी अपनी चुनावी साख बचाने में लगे हैं। हालांकि गहलोत चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। वैभव गहलोत का भाजपा के प्रत्याशी लुम्बाराम चौधरी से सीधा मुकाबला होने के आसार हैं।
इसी तरह वसुंधरा राजे हालांकि वह खुद चुनाव मैदान में नहीं हैं लेकिन उनके पुत्र दुष्यंत सिंह झालावाड़-बारां संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं और वह लगातार चौथी बार संसद में जाने का प्रयास कर रहे है। उनका मुकाबला पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी एवं कांग्रेस उम्मीदवार उर्मिला जैन भाया से है। इस चुनाव में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी चित्तौड़गढ़ से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस प्रत्याशी उदय लाल आंजना से है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा सीपी जोशी ने भी भीलवाड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में चुनाव मैदान में ताल ठोक रखी है और उनका सीधा मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी एवं उद्योगपति दामोदर अग्रवाल से होने की संभावना है। इसी प्रकार डोटासरा इस चुनाव में कहीं से उम्मीदवार नहीं हैं लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की कमान उनके हाथों में होने से इस चुनाव में उनकी भी साख दावं पर लगी हुई हैं।
इस चुनाव में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री जोधपुर से फिर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला कांग्रेस के करण सिंह उचियारड़ा से है। इसी तरह केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल भी बीकानेर से फिर चुनाव लड़ रहे है और उनका इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल से साीधा मुकाबला माना जा रहा है। केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी भी फिर से चुनाव मैदान में हैं और बाड़मेर संसदीय क्षेत्र में उनका मुकाबला रालोपा छोड़कर कांग्रेस में आये उम्मेदाराम बेनीवाल एवं निर्दलीय उम्मीदवार एवं विधायक रवीन्द्र सिंह भाटी से होने की संभावना है।
इसी तरह इस चुनाव में सांसद भागीरथ चौधरी का अजमेर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी रामचन्द्र चौधरी, सांसद पीपी चौधरी का पाली में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की दो बार अध्यक्ष रही एवं कांग्रेस प्रत्याशी संगीता बेनीवाल से, सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया का टोंक-सवाईमोधोपुर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व सासंद एवं विधायक हरीश चन्द्र मीना से एवं इस चुनाव में चुरु संसदीय क्षेत्र में भाजपा से टिकट कटने के बाद पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आकर प्रत्याशी बने सांसद राहुल कस्वां का पैरालंपिक विजेता देवेन्द्र झाझड़िया से सीधा मुकाबला माना जा रहा है।
इसी प्रकार सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती का सीकर संसदीय क्षेत्र में माकपा प्रत्याशी एवं पूर्व विधायक अमराराम चौधरी से सीधा मुकाबला होने के आसार है। कांग्रेस ने यह सीट गठबंधन के तहत माकपा के लिए छोड़ दी है। इस चुनाव में नागौर से पूर्व सांसद हनुमान बेनीवाल और ज्योति मिर्धा इस बार फिर चुनाव में आमने सामने हैं और रालोपा के संयोजक हनुमान बेनीवाल इंडिया गठबंधन के साथ जुड़कर रालोपा प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ रहे है और कांग्रेस ने यहां भी गठबंधन के तहत अपनी सीट रालोपा के लिए छोड़ दी हैं। गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आई ज्योति मिर्धा पर भाजपा ने फिर भरोसा जताते हुए लोकसभा चुनाव में उतारा हैं जहां भाजपा और रालोपा में सीधी टक्कर मानी जा रही है।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री महेन्द्र सिंह मालवीय आदिवासी बहुल बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुख्य मुकाबला भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) के उम्मीदवार एवं विधायक राजकुमार रोत से माना जा रहा है। इस चुनाव में कांग्रेस और बीएपी के बीच समझौता हुआ था लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार अरविंद डामोर ने अपना नामांकन पत्र वापस नहीं लिया और यहां चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय बनने की भी संभावना है।
इसी प्रकार पूर्व मंत्री भजन लाल जाटव करौली-धौलपुर, प्रताप सिंह खाचरियावास जयपुर शहर, मुरारी लाल मीना दौसा से, एवं बृजेन्द्र ओला झुंझुनूं संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी एवं कन्हैयालाल मीना दौसा से भाजपा उम्मीदवार के रुप में चुनाव मैदान में अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं। इसी प्रकार पूर्व विधायक कुलदीप इंदौरा गंगानगर से कांग्रेस, शुभकरण चौधरी झुंझुनूं एवं राव राजेन्द्र सिंह जयपुर ग्रामीण संसदीय क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ रहे हैं।
इनके अलावा इस चुनाव में जयपुर ग्रामीण से अनिल चौपड़ा, अलवर से ललित यादव कांग्रेस प्रत्याशी एवं जयपुर शहर से मंजू शर्मा, उदयपुर से मन्ना लाल रावत एवं राजसमंद से महिमा कुमारी मेवाड़ भी भाजपा उम्मीदवार के रुप में चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इस चुनाव में 25 लोकसभा सीटों में बांसवाड़ा में भाजपा, कांग्रेस एवं बीएपी एवं बाड़मेर में भाजपा, कांग्रेस एवं निर्दलीय के बीच त्रिकोणीय तथा नागौर में भाजपा और रालोपा एवं सीकर में भाजपा एवं माकपा के बीच सीधा मुकाबला होन के आसार हैं। इसी तरह शेष 21 सीटों पर भाजपा एवं कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है।
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